नई दिल्ली। चीन अब चांद पर भी अमेरिका को चुनौती देगा, इसके लिए चीन अपने महत्वाकांक्षी मून मिशन चांगई-8 को ताकत बनाएगा। ये मिशन चीन का अब तक का सबसे बड़ा मिशन होगा, जो 2028 में लांच होगा। इस मिशन के जरिए है चीन चांद पर इंटरनेशनल साइंटिफिक लूनार स्टेशन स्थापित करने की कोशिश करेगा।
चीन अब चांद पर भी देगा अमेरिका को चुनौती
चीन के अधिकारियों ने इसका ऐलान किया। चीन के चांगई-8 मिशन के अंदर एक लैंडर, रोवर और रोबोट होगा। इस मिशन का उद्देशय चांद के भूगर्भ की जांच, चांद पर आधारित धरती की निगरानी, चांद पर मौजूद नमूनों की जांच और संसाधनों के उपयोग के लिए प्रयोग करना है। इसके अलावा चांद के पर्यावरण की भी यह जांच करेगा। चीन इस मिशन को अपने पूर्व में भेजे गए मिशनों से मिले अनुभव के आधार पर तैयार करेगा। इसके जरिए भविष्य के अभियानों के जरूरी तकनीक की जांच करेगा।
चीन के चंद्र मिशन में क्या होगा खास?
चीन ने कहा है कि वह दुनिया के अन्य देशों से भी सहयोग लेगा। हालांकि, बाद में चीनी वैज्ञानिकों ने सफाई दी कि इस मिशन के दौरान 200 किलो के पेलोड को ले जाने की क्षमता होगी। अगर कोई देश चाहे तो वह अपना रोवर या कुछ और चांद पर भेज सकता है। चीन ने इसके लिए आवेदन भी मांगे हैं। आखिरी चुनाव साल 2024 में होगा। चीन के इस चांग ई 8 मिशन के डिप्टी डिजाइनर वांग किओंग ने कहा कि गेरलाचे पर्वत श्रेणी, अमूनदसेन क्रेटर, काबेअस क्रेटर और अन्य पहाड़ी इलाकों को चुना गया है, जहां पर यह मिशन उतर सकता है।
यह वही जगह है, जहां पर अमेरिका अपने अर्तेमिस-3 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को उतारना चाहता है। चांग ई 8 लैंडर अपने साथ विज्ञान के 10 पेलोड ले जाएगा। इसके अलावा 4 अन्य पेलोड उसके रोवर पर रहेंगे। इस लैंडर में कैमरे लगे होंगे जो उतरने में मदद करेंगे। इसके अलावा भूकंप की जांच करने वाला उपकरण, चांद पर आधारित अर्थ रेडियोमीटर और एक्स-रे टेलिस्कोप भी रहेगा। रोवर में भी एक कैमरा और चांद की सतह के अंदर घुसने में सक्षम रडार भी होगा। इसके अलावा उस पर चांद पर मौजूद खनिजों की जांच करने के उपकरण लगे होंगे।
चीन साल 2026 में अपना चांग ई-7 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इस मिशन के दौरान चांद के दक्षिण ध्रुव को समझने की तैयारी है। यह एक रोबोटिक मिशन होगा, जो बर्फ की तलाश करेगा। इन दोनों की सफलता चीन के भविष्य में बनाए जाने वाले चंद्रमा बेस के लिए आधार तैयार करेगा। चीन का चेंग ई 6 पहला ऐसा चंद्र मिशन होगा, जो चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से से नमूने लेकर आएगा। चीन की योजना है कि महाशक्तिशाली रॉकेट की मदद से इंसानी बेस के लिए जरूरी साजो-सामान भेजा जाए। इसे साल 2030 के आसपास बनाने की तैयारी है।
चीन साल 2026 में अपना चांग ई-7 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इस मिशन के दौरान चांद के दक्षिण ध्रुव को छान मारने की तैयारी है। यह एक रोबोटिक मिशन होगा जो बर्फ की तलाश करेगा। इन दोनों की सफलता चीन के भविष्य में बनाए जाने वाले चंद्रमा बेस के लिए आधार तैयार होगा। चीन का चेंग ई 6 पहला ऐसा चंद्र मिशन होगा जो चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से से नमूने लेकर आएगा। चीन की योजना है कि महाशक्तिशाली रॉकेट की मदद से इंसानी बेस के लिए जरूरी साजोसामान भेजा जाए। इसे साल 2030 के आसपास बनाने की तैयारी है।
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