सेंट्रल डेस्क: Chinas far side Moon mission begins journey back: दुनिया के बड़े देश चंद्रमा पर अपना मिशन भेजने में जुटे हुए हैं। पिछले साल भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया था। अब चीन के यान ने चांद के रहस्यमयी सुदूर इलाके में लैंड किया है जोकि बहुत बड़ी कामयाबी है। चीन की स्पेस एजेंसी के हवाले से स्पेसडॉटकॉम ने बताया है कि चांग’ई 6 मिशन ने रविवार 2 जून को चंद्रमा के विशाल दक्षिणी ध्रुव- ऐटकेन बेसिन के अपोलो क्रेटर में लैंड किया।
China’s far side Moon mission begins journey back: चीन ने की है इस तरह की दो लैंडिंग
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अबतक चंद्रमा पर दो ऐसी लैंडिंग पूरी कर ली हैं जोकि उसकी फार साइड यानी दूरदराज के एरिया में हैं। साल 2019 में चांग’ई 4 मिशन ने यह काम किया था और अब चांग’ई मिशन चांद के सुदूर इलाके में उतरा है, जोकि अंधेरे वाला क्षेत्र है। किसी भी और देश ने ऐसा अबतक नहीं किया है।
China’s far side Moon mission begins journey back: तीन मई को लांच किया गया था मिशन
यह एक रोबोटिक मिशन है जिसे पूरा करने में चीनी वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की है। वही मिशन को 3 मई को लॉन्च किया गया था। इसका मकसद चांद के उस हिस्से से सैंपल लाना है, जो पृथ्वी से हमेशा दूर रहता है। लिफ्टऑफ के महज चार दिनों के बाद चांग’ई मिशन ने चंद्रमा की कक्षा में एंट्री कर ली थी। अगले कुछ हफ्तों तक यह ऑर्बिट में घूमता रहा और तय योजना के अनुसार लैंडिंग की प्लानिंग की गई। बताया जा रहा है कि बिना किसी कठिनाई के इसने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की।
Chang’s e-6: 2 किलोग्राम सैंपल जुटाएगा लैंडर
वही अगले कुछ हफ्तों तक लैंडर चांद की लैंडिंग साइट को स्टडी करेगा और करीब 2 किलोग्राम सैंपल जुटाएगा जिसमें धूल और पत्थर शामिल होंगे। कुछ सैंपल्स सतह से लिए जाएंगे, जबकि कुछ सैंपलों को 2 मीटर गहराई से जुटाया जागा। उम्मीद है कि जुटाए गए सैंपल 25 जून तक पृथ्वी पर वापस आ जाएंगे।
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