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चिन्मय प्रभु के वकील पर हुआ क्रूर हमला, त्रिपुरा में बांग्लादेशी हाई कमीशन में तोड़फोड़

भौमिक ने कहा कि हिंदुओं पर इस तरह के हमले बर्दाश्त के बाहर हैं। पूरे विश्व के हिंदू एक हो रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। मोहम्मद यूनुस इन हमलों को बढ़ावा दे रहे हैं।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क : बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसका असर अब भारत में भी दिखने लगा है। कोलकाता स्थित इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया है कि बांग्लादेश के हिंदू संत चिन्मय प्रभु के कानूनी मामले को देखने वाले वकील रामेन रॉय पर क्रूर तरीके से हमला किया गया।

चिन्मय प्रभु के पक्ष में बोलने पर हमला

राव ने कहा कि वकील की गलती बस इतनी थी कि वह चिन्मय प्रभु का बचाव कर रहे थे। वकील के घर पर इस्लामवादियों के एक समूह ने हमला कर दिया। अधिवक्ता रॉय की हालत के बारे में बताते हुए प्रवक्ता ने दावा किया है कि हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और फिलहाल ICU में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कैसे शुरू हुआ बवाल

25 नवंबर को चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद से ही बांग्लादेश में अशांति बनी हुई है। उन्हें बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। तब से ही उनके हिंदू समर्थकों ने सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन पर 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने के आरोप में देशद्रोह का आरोप लगाया गया।

त्रिपुरा में भी भीड़ हुई उग्र

गिरफ्तारी के बाद से त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। 2 दिसंबर, सोमवार को जब प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस गए, तब स्थिति बेकाबू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने कमीशन के भीतर तोड़फोड़ करने के साथ-साथ बांग्लादेश के झंडे को भी पोल से नीचे उतार दिया।

बांग्लादेश का त्रिपुरा पुलिस पर आरोप

इस मामले में भारत के विदेश मंत्रालय ने खेद जताते हुए इस पर गहरा अफसोस व्यक्त किया है। बांग्लादेश की ओर से इस घटना को लेकर त्रिपुरा की पुलिस पर आरोप लगाए हैं और बांग्लादेश ने कहा कि इस घटना को रोका जा सकता था, हालात काबू में लाए जा सकते थे, पर वहां मौजूद त्रिपुरा पुलिस ने कोई ज़रूरी कदम नहीं उठाए।

भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आज जो घटना अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन में हुई, वो बहुत ही निंदनीय और खेद का विषय है। राजनयिक और कॉन्सुल की संपत्तियों को किसी भी परिस्थिति में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। सरकार दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन और देश में मौजूद अन्य डिप्टी/असिस्टेंट हाई कमीशन की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश की सरकार हिंदू संघर्ष समिति द्वारा किए गए हमारे असिस्टेंट हाई कमीशन पर हमले की निंदा करती है।

BJP अध्यक्ष ने कहा, हिंदू एक हो रहे है

ये प्रदर्शन शुरुआत में शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ, इसके बाद प्रदर्शनकारी बांग्लादेश विरोधी नारे लगाने लगे। उन्होंने जय श्री राम के नारे भी लगाए। त्रिपुरा के बीजेपी अध्यक्ष सुबल भौमिक भी इस प्रदर्शन का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापस ले लेना चाहिए।

आगे भौमिक ने कहा कि हिंदुओं पर इस तरह के हमले बर्दाश्त के बाहर हैं। पूरे विश्व के हिंदू एक हो रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। मोहम्मद यूनुस इन हमलों को बढ़ावा दे रहे हैं।

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