पटना : हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में पास हुए वक्फ संशोधन बिल को लेकर एलजेपीआर (लोजपा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष इस बिल को लेकर मुस्लिम समाज में भ्रम फैला रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह हमेशा समाज में नफरत और गलतफहमियां फैलाने की कोशिश करता है, जैसा कि उन्होंने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के समय किया था। चिराग के अनुसार, विपक्ष यह अफवाह फैला रहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
वक्फ संशोधन बिल पर चिराग पासवान का पक्ष
चिराग पासवान ने वक्फ संशोधन बिल को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े मुसलमानों के हित में बताया। उनका कहना था कि यह बिल खासतौर पर उन मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए लाया गया है, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं हैं और जिनके पास कोई जमीन नहीं है। चिराग के अनुसार, सरकार ने इस बिल में जो बदलाव किए हैं, वह मुस्लिम समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
उन्होंने विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि, विपक्ष कभी भी इस बिल के बारे में अपनी गलत धारणा को सही साबित नहीं कर सकेगा।” चिराग ने यह भी कहा कि यह बिल उन लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए है जो वक्फ संपत्तियों से जुड़े हुए हैं, और इसे लेकर विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम पूरी तरह से निराधार है।
पिता रामविलास पासवान का प्रभाव और चिराग का समर्पण
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि बिहार के मुसलमानों को यह हमेशा याद रखना चाहिए कि उनके पिता, रामविलास पासवान, हमेशा समाजवादी और सामाजिक न्याय की बात करते थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि साल 2005 में, उनके पिता ने यहां तक कहा था कि बिहार का मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक समाज से होना चाहिए।
चिराग ने कहा कि मैं उन्हीं का बेटा हूं और उनकी सोच को उतनी ही ईमानदारी से आगे बढ़ाने का काम करूंगा।” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वह अपने पिता के आदर्शों और उनके द्वारा किए गए संघर्षों को लेकर बहुत सम्मान रखते हैं और उसी दिशा में अपना राजनीतिक कदम उठा रहे हैं।
मुसलमानों से अपील:
चिराग पासवान ने मुसलमान समाज से अपील करते हुए कहा कि उनकी नाराजगी उनके लिए सम्मान की बात है, लेकिन यह भी एक हकीकत है कि उनके पिता ने हमेशा समाज में समरसता और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी थी। चिराग ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वक्त बताएगा कि चिराग पासवान के द्वारा लिए गए फैसले आपके हक में थे या नहीं थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका समर्पण केवल अल्पसंख्यक समाज के लिए नहीं है, बल्कि वह अपने पिता के विचारों और उनके संघर्षों के प्रति भी पूरी तरह से समर्पित हैं।