पटना : बिहार विधानपरिषद में चल रही कार्यवाही के दौरान गुरुवार को बढ़ते अपराधों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्य सदन के वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। इस दौरान सत्ता पक्ष ने राजद और लालू-राबड़ी राज पर जोरदार जुबानी हमला किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विपक्ष को निशाने पर लिया और राबड़ी देवी पर तीखे शब्दों में प्रहार किया। यह घटना बिहार की राजनीति में एक नए मोड़ की तरह सामने आई, जब दोनों पक्षों के बीच व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विपक्ष पर हमला
विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच शब्दों की जंग ने जब तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े हुए और विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे शांतिपूर्वक अपनी सीटों पर बैठ जाएं। नीतीश कुमार ने कहा, “अगर किसी की हत्या हुई है तो उसकी जांच होगी, हम हर चीज की जानकारी लेंगे, और यह सब हम आज ही करेंगे।” इसके बाद उन्होंने राजद के सदस्यों पर तीखा हमला किया, विशेष रूप से राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि “इन लोगों ने कभी कोई काम नहीं किया है। जो काम आज हम लोग कर रहे हैं, वही काम हमें करना पड़ा।
सिर्फ बोलने के अलावा विपक्ष ने कुछ नहीं किया: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश यहीं नहीं रुके, उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप लोग सिर्फ बोलने का काम करते हैं, प्रचार करते हैं, जबकि आज तक कुछ किया नहीं।‘ नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का हवाला देते हुए कहा कि “हमने इस राज्य में माहौल को सुधारने के लिए जो कदम उठाए, वे सही थे। पहले तो यहां हिंदू-मुस्लिम की राजनीति चलती थी, लेकिन हमने जब देखा कि कुछ गड़बड़ हो रही है, तो हमने उसे हटा दिया। आप लोग कभी काम नहीं किए, बस घर के आदमी को ही सत्ता में बिठाया।”
राबड़ी देवी ने किया पलटवार, हुई नोकझोंक
इस बीच, राबड़ी देवी ने भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि “अशोक चौधरी आज फिरौती ले रहे हैं। पहले तो कांग्रेस को लूटते थे, और अब जेडीयू में आकर लूट रहे हैं।” इसके बाद राबड़ी देवी और जेडीयू नेता अशोक चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। दोनों पक्षों के बीच हुई यह जुबानी जंग सदन में शोरगुल की वजह बन गई। विपक्षी नेताओं का आरोप था कि सरकार ने अपराधों पर काबू नहीं पाया है, और वह केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए काम कर रही है।
सदन में हंगामे के बाद बाहर हुए विपक्षी सदस्य
सदन में बढ़ते हंगामे के बाद विधानपरिषद के सभापति ने विपक्षी सदस्यों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई असर नहीं हुआ, तो उन्होंने विपक्षी नेताओं को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। विपक्षी सदस्य पहली पाली तक सदन से बाहर रहे, जिससे कार्यवाही में काफी विलंब हुआ। सदन में इस प्रकार की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई, जहां नेताओं के बीच व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीति को एक नया मोड़ दिया।
क्या हैं घटनाओं के कारण?
बिहार में बढ़ते अपराधों और कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार विपक्षी दल सरकार को घेरते रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच शब्दों की तीखी जंग ने और अधिक उग्र रूप धारण किया। राबड़ी देवी और उनके समर्थक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया।
आरोप-प्रत्यारोप से चल रही राजनीति
बिहार की राजनीति में इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आती रही हैं, और इसे देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या इस प्रकार की जुबानी जंग से राज्य में अपराध पर काबू पाया जा सकता है? फिलहाल, यह स्थिति बेहद तनावपूर्ण है, और सबकी नजरें अब आगामी घटनाक्रम पर हैं, जिसमें यह देखना होगा कि दोनों पक्ष अपनी राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप के बावजूद जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं या नहीं।