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GBS की रोकथाम के लिए CM ने किया मंथन, अस्पतालों को अलर्ट रहने का दिया निर्देश

by Vivek Sharma
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रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी की रोकथाम हेतु तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान और उनके इलाज की विशेष व्यवस्था की जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है।

जीबीएस को लेकर उपायुक्तों को निर्देश

मुख्यमंत्री ने कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आयोजित एक बैठक के दौरान अधिकारियों से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी वर्चुअली जुड़े थे, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरीय अधिकारी और जिलों के उपायुक्त भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जीबीएस बीमारी दूषित जल और कच्चे भोजन से फैलती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है, इसलिए इसको लेकर लोगों के बीच भ्रम नहीं फैलाना चाहिए।

प्रचार प्रसार करें विभाग

उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता को जागरूक करना सबसे प्रभावी उपाय होगा। इसके लिए राज्यभर में प्रचार-प्रसार अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर जीबीएस के अधिक मामले आए हैं, वहां से झारखंड आने वाले व्यक्तियों की जांच की व्यवस्था की जाए। हर जिले में जीबीएस जांच के लिए मुफ्त सेंटर स्थापित किए जाएं।

बेड-दवा के रखें पुख्ता इंतजाम

मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में बेड, दवाएं और अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था पुख्ता करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि यदि कोई संदिग्ध मरीज मिले, तो उसे तुरंत रिम्स रेफर किया जाए और रिम्स तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को तैयार रखा जाए। मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जनों को निर्देशित किया कि वे इस बीमारी से संबंधित खबरों और अपडेट्स पर नजर रखें, ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।

रिम्स निपटने के लिए तैयार

रिम्स निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) राज कुमार ने बैठक में बताया कि रिम्स जीबीएस के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि रिम्स में जीबीएस से संबंधित किसी भी संदिग्ध मामले का तत्काल इलाज किया जा सकेगा। उन्होंने सभी जिलों के सिविल सर्जनों से आग्रह किया कि वे जीबीएस के मामलों की पहचान के लिए जागरूकता फैलाएं और मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित गाइडलाइन्स का पालन करें।

गलत सूचना फैलने से रोके

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि जीबीएस के बारे में गलत सूचना या भय को फैलने से रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। इस बीमारी से बचाव के उपायों पर जोर देते हुए, मुख्यमंत्री ने आम लोगों को इस विषय पर सही जानकारी देने का आह्वान किया।

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