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Bihar Cold wave : बिहार में शीतलहर का अलर्ट : ठंड से बचाव के लिए जारी की गई गाइडलाइन

by Rakesh Pandey
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पटना: बिहार में सर्दी का कहर बढ़ता जा रहा है और ठंड के कारण हालात और भी कठिन होते जा रहे हैं। दिसंबर और जनवरी का महीना उत्तर भारत में सर्दी के लिहाज से सबसे मुश्किल होता है। हर साल की तरह इस साल भी बिहार में शीतलहर का सितम शुरू हो चुका है। इस दौरान मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। खासकर ठंड और घने कोहरे के कारण यात्रियों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

पूर्णिया में घना कोहरा, वाहनों की आवाजाही प्रभावित

12 दिसंबर को बिहार के पूर्णिया जिले में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता 50 मीटर तक सीमित हो गई। इसके कारण राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी कनकनी वाली ठंड का सामना करना पड़ा। कोहरे के कारण वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। मौसम विभाग ने 13 और 14 दिसंबर के लिए शीतलहर और कोहरे के कारण अलर्ट जारी किया है। कुछ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे प्रशासन को स्थिति पर नजर रखने और लोगों को सावधान करने की सलाह दी गई है।

शीतलहर का अलर्ट: ये जिले होंगे प्रभावित

13 दिसंबर को सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार जिलों में घना कोहरा और ठंड के कारण येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, कैमूर और रोहतास जिलों में 13 और 14 दिसंबर के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में ठंड और घना कोहरा बढ़ सकता है, जिससे सामान्य जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में लोगों को सड़क दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए सावधान रहने की सलाह दी गई है।

ठंड से बचाव: लक्षण और उपाय

हर साल ठंड में ठंड लगने से कई लोगों की जान चली जाती है। इसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ लक्षणों की पहचान बताई है, जिससे ठंड लगने का पता लगाया जा सकता है। यदि शरीर में ठंडक, अंगों का सुन्न होना, अत्यधिक कंपकंपी या ठिठुरन, बार-बार जी मिचलाना या उल्टी होना, और अर्द्ध बेहोशी या बेहोशी की स्थिति बन रही हो, तो यह ठंड लगने का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

ठंड से बचने के उपाय:

ठंड में गर्म कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें।
हीटर या ब्लोअर का प्रयोग करें, लेकिन उनका उपयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगियों को चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
दिन में धूप में बाहर निकलें और घर में आग जलाकर रखें, ताकि वातावरण गर्म रहे।

ठंड में खानपान: शरीर को गर्म रखने के लिए

सर्दी के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए खानपान पर ध्यान देना जरूरी होता है। इस मौसम में शरीर को ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। तिल, गुड़, खजूर, हरी सब्जियां, सरसों साग, दूध, अंडा, मांस, मछली जैसे गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन से शरीर को ठंड से राहत मिलती है। विशेषकर तिल और गुड़ का सेवन सर्दी में बेहद फायदेमंद होता है।

किसानों के लिए गाइडलाइन: पशुओं की देखभाल

आपदा प्रबंधन विभाग ने ठंड के मौसम में किसानों के लिए भी गाइडलाइन जारी की है। खासकर पशुओं के लिए विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है। रात के समय में पशुशालाओं को ढंकने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि शीतलहर से पशुओं को बचाया जा सके। इसके अलावा, बिछावन के लिए सूखे पुआल का उपयोग किया जा सकता है।

पशुओं की देखभाल के उपाय:

संतुलित और नमक/इलेक्ट्रोलाइट से युक्त आहार देना चाहिए।
खल्ली और गुड़ की अतिरिक्त मात्रा दी जानी चाहिए ताकि शरीर गर्म रहे।

पशुओं को हल्का गर्म पानी दिन में तीन-चार बार दिया जाना चाहिए।
हरे घास, सरसों के पत्ते और गुड़ खिलाने से पशुओं की सेहत बेहतर रहती है और ठंड से बचाव होता है।

इस तरह की सावधानियों और उपायों से ठंड के प्रभाव को कम किया जा सकता है और ठंड के कारण होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी नागरिकों और किसानों को इन गाइडलाइनों का पालन करने की सलाह दी है ताकि इस ठंड में किसी भी प्रकार की दुर्घटना या समस्या से बचा जा सके।

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