स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में साल 2026 राष्ट्रमंडल (Commonwealth) खेलों की मेजबानी की जाएगी। ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया द्वारा लागतों की चिंताओं के कारण पीछे हटने के बाद यह निर्णय लिया गया है। आगामी खेल इस आयोजन का एक छोटा संस्करण होगा, जिसमें कम खेल शामिल होंगे।
खेल कार्यक्रम में बदलाव
बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी और रग्बी सेवन्स जैसे कुछ खेलों को, 2026 के राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से हटा दिया जाएगा। ये खेल 23 जुलाई से 2 अगस्त, 2026 तक होने वाले हैं और इनमें चार स्थानों पर 10 खेल शामिल होंगे। इन खेलों में एथलेटिक्स, तैराकी, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइकिलिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, जूडो और बाउल्स शामिल हैं। इस आयोजन में एथलेटिक्स, तैराकी, ट्रैक साइकिलिंग और व्हीलचेयर बास्केटबॉल जैसे पैरा स्पोर्टस भी शामिल होंगे।
कॉमनवेल्थ गेम्स स्कॉटलैंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन डोइग ने कहा, “ग्लासगो 2026 में कॉमनवेल्थ गेम्स का सारा उत्साह और आनंद रहेगा, भले ही यह छोटा संस्करण हो।” उन्होंने कहा कि यह आयोजन अधिक सुलभ होगा, जिससे प्रशंसक एक्शन के करीब पहुंच सकेंगे।
12 साल बाद मेजबानी
ग्लासगो 2014 के संस्करण के बाद 12 साल बाद फिर से कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा। खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स, तैराकी, जिम्नास्टिक, साइकिलिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, जूडो, बाउल्स और बास्केटबॉल का मिश्रण होगा।
अप्रैल में ग्लासगो ने बैकअप स्थल के रूप में कदम रखा और स्कॉटिश सरकार ने इस छोटे संस्करण की मेजबानी के लिए बोली का समर्थन किया है। कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने इस आयोजन के लिए 100 मिलियन पाउंड (लगभग $130 मिलियन) की राशि की घोषणा की है।
भारत के लिए झटका
साल 2026 खेलों के कार्यक्रम में हुए बदलाव से भारत की पदक संभावनाओं पर बहुत असर पड़ सकता है, क्योंकि पिछले संस्करणों में देश के अधिकांश पदक हटाए गए खेलों से ही आए थे। भारत ने साल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन दिखाया था, जिसमें उसने कुल 61 पदक (22 स्वर्ण, 16 रजत, 23 कांस्य) जीते और सभी भाग लेने वाले देशो में चौथे स्थान पर रहा था।