नई दिल्ली : आसन्न विधानसभा चुनावों के बीच, निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के प्रमुखों से उनके नेताओं द्वारा आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर जवाब देने को कहा है। शनिवार को निर्वाचन आयोग ने दोनों दलों के अध्यक्षों, भाजपा के जेपी नड्डा और कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र भेजकर आरोपों का स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया है।
आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर जवाब की समयसीमा
निर्वाचन आयोग ने दोनों दलों को सोमवार (18 नवंबर) दोपहर 1 बजे तक अपनी प्रतिक्रिया देने का समय दिया है। आयोग ने अपने पत्र में दोनों पार्टी प्रमुखों को एक-दूसरे की शिकायतें सौंपते हुए उनसे इनके संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने यह भी याद दिलाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी नेताओं के बयानों और प्रचार पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया था ताकि चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन न हो।
कांग्रेस ने मोदी और शाह पर लगाए आरोप
कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक और धुले में अपनी रैलियों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘‘झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक’’ बयान दिए। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी ने अपने भाषणों में दिवंगत नेताओं, जैसे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के खिलाफ भी विवादास्पद बयान दिए।
इसके अलावा, कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी आरोप लगाया है कि 12 नवंबर को झारखंड के धनबाद में आयोजित एक रैली में उन्होंने कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बारे में ‘‘झूठे, विभाजनकारी और अपमानजनक’’ बयान दिए। कांग्रेस का कहना है कि शाह ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खिलाफ बयान दिए और यह आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
भा.ज.पा. ने राहुल गांधी के बयान पर उठाए सवाल
भा.ज.पा. ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज की है। भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी ने मुंबई में एक रैली के दौरान ‘‘झूठे’’ दावे किए कि बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में विनिर्माण संयंत्र स्थापित कर रही हैं। भाजपा ने कहा कि गांधी के बयान तथ्यों के विपरीत थे और उन्होंने ‘‘झूठा आरोप’’ लगाया कि कंपनियां जैसे एप्पल और बोइंग के उत्पाद महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में बनाए जा रहे हैं। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि राहुल गांधी के बयान की जांच की जाए, क्योंकि इसके कारण महाराष्ट्र के विकास के अवसरों पर गलत धारणाएं बन सकती हैं।
निर्वाचन आयोग की कड़ी निगरानी
निर्वाचन आयोग ने दोनों प्रमुख दलों को चेतावनी दी है कि चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाना चाहिए। आयोग ने यह भी कहा कि स्टार प्रचारकों और प्रमुख नेताओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की अव्यवस्था या असमर्थन का सामना न करना पड़े।
बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों में बढ़ती सियासी हलचल
झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र यह आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। इन राज्यों में राजनीतिक दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं और इसी दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले भी सामने आ रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी नेता या पार्टी द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।