रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार वर्षों से जातिगत जनगणना की मांग का मजाक उड़ाती रही है, लेकिन कांग्रेस के दबाव और राहुल गांधी की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के चलते अंततः सरकार को झुकना पड़ा और जनगणना की घोषणा करनी पड़ी।
कार्यकर्ताओं को सच्चाई से कराएंगे अवगत
उन्होंने बताया कि आगामी ‘संविधान बचाओ रैली’ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जातिगत जनगणना की सच्चाई से अवगत कराया जाएगा, ताकि वे आम जनता को भाजपा की बहुजन विरोधी सोच और जनगणना के विरोध में की गई कोशिशों के बारे में विस्तार से बता सकें। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर तक के ग्रामीणों को यह समझाया जाएगा कि भाजपा किस तरह उनके संवैधानिक अधिकारों को लगातार कुचल रही है।
जातिगत जनगणना पर विस्तृत चर्चा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि हाल ही में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में जातिगत जनगणना को लेकर विस्तृत चर्चा की गई और कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों में अनुच्छेद 15(5) को तत्काल लागू करने की मांग प्रमुख रूप से शामिल है, जिससे दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिल सके। इसके अलावा कांग्रेस ने मांग की है कि जातिगत जनगणना की प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध और संसदीय बहस व बजटीय प्रावधान के साथ पूरी की जाए। साथ ही, जनगणना के आंकड़ों का उपयोग शिक्षा, रोजगार और कल्याण नीतियों को सशक्त करने के लिए किया जाए।
पिछड़े वर्गों की आवाज दबाने का प्रयास
केशव महतो कमलेश ने कहा कि भाजपा की सरकार सामाजिक न्याय की राह में रोड़ा बन रही है और पिछड़े वर्गों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे संविधान बचाओ रैली को जन आंदोलन का रूप दें और जातिगत जनगणना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को आम जनता तक पहुंचाएं।