रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही राजनीतिक उथल-पुथल मचने लगी है। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही झारखंड में कांग्रेस ने जेल में बंद अपने एक कद्दावर नेता को चुनाव की एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
इस नेता को मिली बड़ी जिम्मेदारी
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले जेल में सजा काट रहे नेता व पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को चुनाव प्रचार समिति का सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस के इस कदम पर भाजपा सवाल उठा रही है। कांग्रेस अपना बचाव करने में जुटी है।
भाजपा कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप
इसके बाद से ही पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी हो गया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि जेल में बंद नेता को चुनाव में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर, कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है, जबकि कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए, पहले अपने दामन में झांकने की हिदायत दे दी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सोनल शांति ने कहा कि उनके नेता और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा जब दागी मंत्री हरि नारायण से मुलाकात करने जाते हैं, तब उन्हें दिखाई नहीं देता। कांग्रेस का कहना है कि मंत्री आलमगीर आलम पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह अभी तक साबित नहीं हुए हैं और केवल आरोप लगाने से किसी को दोषी नहीं माना जा सकता। इसी तरह भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक- दूसरे पर अलग-अलग तथ्य सामने रखकर आरोप- प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
यह भी है चुनाव प्रचार समिति के सदस्य
झारखंड में जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम के अलावा जिन्हें चुनाव प्रचार समिति का सदस्य बनाया गया है उनमें अध्यक्ष का पद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को दिया गया है। इसके अलावा डॉ अजय कुमार, डॉ प्रदीप बलमुचू, राजेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता, दीपिका पांडेय सिंह आदि अन्य सदस्य भी शामिल हैं।
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