नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया है कि वह शनिवार को विदेश यात्रा पर क्यों जा रहे हैं, जबकि मणिपुर की स्थिति को देखते हुए वहां का दौरा करना उनकी प्राथमिकता नहीं बन रही है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस कदम को लेकर तीखा हमला किया है, खासकर तब जब वह वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील, नाइजीरिया और गुयाना की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।
मणिपुर का दौरा न करने पर कांग्रेस की आलोचना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रभारी महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “अगले तीन दिन तक हम ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री के झूठ और अमर्यादित प्रचार अभियान से बचे रहेंगे। वह एक बार फिर विदेश जा रहे हैं, लेकिन यह समझ से परे है कि वह मणिपुर का दौरा क्यों नहीं कर रहे हैं।” रमेश ने यह सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर जैसे अशांत राज्य का दौरा करने से क्यों परहेज कर रहे हैं, जबकि वहां के लोग पिछले कई महीनों से संघर्ष, हिंसा और कष्ट झेल रहे हैं।
मणिपुर में जातीय हिंसा और प्रधानमंत्री की चुप्पी
कांग्रेस ने यह भी सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर का दौरा करने से क्यों बच रहे हैं, जबकि राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। रमेश ने कहा, “यह पूरी तरह से समझ से परे है कि प्रधानमंत्री मणिपुर की स्थिति को लेकर अब तक क्यों चुप हैं। इस हिंसा ने राज्य को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री इसके समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।”
केंद्र सरकार की नाकामी पर सवाल
कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति को संभालने में केंद्र सरकार की नाकामी पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार ने न केवल मणिपुर में बढ़ती हिंसा को नियंत्रित करने में विफलता दिखाई है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी इस मामले में उनकी उदासीनता को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा: क्या राजनीतिक लाभ की तलाश है?
जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा के दौरान राजनीतिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, बजाय इसके कि वह घरेलू मामलों में कोई ठोस कदम उठाएं। रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री बड़प्पन या शासन कला का कोई उदाहरण पेश करने की बजाय केवल घरेलू राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
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