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UAPA के तहत तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर पर बैन, जानिए क्या रही वजह?

by Rakesh Pandey
Amit Shah
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स्पेशल डेस्क, नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन को गैरकानूनी घोषित करार दिया है (Tehreek e Hurriyat Ban) और उस पर रविवार को प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने ये कार्रवाई UAPA के तहत की है। इस संगठन के ऊपर जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद, आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर एक अलगाववादी राजनीतिक दल था, जिसकी स्थापना अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने की थी।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के जरिए ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ (Tehreek e Hurriyat Ban) पर ऐसे समय पर कार्रवाई की गई है, जब कुछ दिनों पहले ही घाटी के एक और संगठन को बैन किया गया था। सरकार ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित कर दिया। इस संगठन के नेता मसर्रत आलम भट भारत विरोधी एजेंडा चलाता था। वह पाकिस्तान के सपोर्ट में घाटी में गतिविधियां भी कर रहा था।

जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने की गतिविधि

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ऐलान करते हुए कहा कि कश्मीरी अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek e Hurriyat Ban) जम्मू-कश्मीर को अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने कहा ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा भी दे रहा था। वह इस्लामिक शासन स्थापित करने की कोशिश कर रहा था। गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की आतंक को लेकर जीरो-टोलरेंस की नीति है। भारत विरोधी गतिविधि में शामिल रहने वाले संगठन को तुरंत खत्म कर दिया जाएगा।

(Tehreek e Hurriyat Ban) शाह गिलानी ने 2004 में बनाया था संगठन

सैयद अली शाह गिलानी ने साल 2004 में जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ दी थी, जिसके बाद 7 अगस्त 2004 को उसने तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन की स्थापना की। इसके बाद उनकी जगह मसर्रत आलम भट ने ली थी। भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए भी जाना जाता है। भट्ट फिलहाल जेल में हैं और उनकी पार्टी मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर को 27 दिसंबर को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था। यह एक अलगाववादी संगठन है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की कथित आजादी के लिए आंदोलन करना है।

सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी

भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek e Hurriyat Ban) संगठन के बारे में बताया कि ये जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा फैला रहा है। ये लोग आतंकियों को श्रद्धांजलि देते हैं और पत्थरबाजी को बढ़ावा देते हैं। संगठन के लोग भारतीय कानून का पालन नहीं करते और कश्मीर को भारत से अलग मानते हैं। सरकार ने चार दिन में कश्मीर में सक्रिय दूसरे बड़े संगठन, जो आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, लेकिन एक्शन लिया है। बता दें कि अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत केंद्र सरकार किसी संगठन को ‘गैरकानूनी’ या ‘आतंकवादी’ घोषित कर सकती है।

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