जामताड़ा : नारायणपुर थाना क्षेत्र के मदनाडीह में छापेमारी को पहुंची जामताड़ा पुलिस ने आरोपित के घर से 16,38,000 कैश बरामद किए हैं। इस घर में रहने वाला चाचा-भतीजा मिलकर काफी समय से साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। किसी को तनिक भी संदेह ना हो इसलिए इन शातिरों ने साइबर ठगी के लाखों रुपये पुराने बक्से और बिस्तर के नीचे घर के अलग-अलग ठिकानों पर छिपाकर रखे थे। छापेमारी के दौरान पुलिस को चकमा देकर साइबर ठग चाचा आनंद दत्ता भाग निकला, लेकिन उसका भतीजा लक्ष्मण दत्ता पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
मंगलवार देर शाम चली छापेमारी जामताड़ा पुलिस ने नारायणपुर और करमाटांड़ थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में चली और इस दौरान पांच शातिर साइबर ठगों को दबोचने में सफलता मिली। इनमें से एक आरोपित के खिलाफ पुलिस ने तीसरी बार ठगी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है। अब पुलिस टीम इन कुख्यात शातिरों द्वारा अर्जित की गई करोड़ों की संपत्ति की जब्ती के लिए ईडी को रिपोर्ट भेजने की तैयारी में जुट गई है।
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने करमाटांड़ के सतुआटांड़ के रहने वाले रियाज अंसारी, इसी थाना क्षेत्र के सियाटांड़ के विनोद मंडल और शंभूनाथ मंडल, नारायणपुर थाना क्षेत्र के मदनाडीह का रहने वाला लक्ष्मण दत्ता और विष्टोपुर के रहने वाले मिलन दां को गिरफ्तार किया है। जबकि छापेमारी के दौरान मदनाडीह का शातिर आरोपित आनंद दत्ता मौके से भाग निकला। जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने इन सभी अभियुक्तों को आरोपित बनाया है और केस दर्ज कर पांच को जेल भेज दिया।
इस बात की जानकारी जामताड़ा एसपी मनोज स्वर्गियारी ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम को इन शातिरों के बारे में सूचना मिल रही थी। आईपीएस राकेश कुमार सिंह की अगुवाई में जामताड़ा साइबर थाना प्रभारी मनोज कुमार और नारायणपुर सर्किल इंस्पेक्टर संजय कुमार के साथ एक टीम गठित की गई। मंगलवार देर शाम तक चली छापेमारी के दौरान सभी आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़े। इनके पास से भारी मात्रा में कैश के अलावा 11 मोबाइल और फर्जी आईडी पर लिए गए 13 सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं।
एसपी ने बताया कि ये शातिर लोगों को बकाया बिजली भुगतान करवाने के नाम पर क्विक सपोर्ट एप के जरिए लोगों को झांसे में लेते थे। फिर एनी-डेस्क के जरिए उनके मोबाइल का स्क्रीन शेयर कर उनके खाते खाली कर देते थे। इन शातिरों शामिल विनोद मंडल के खिलाफ पहले से ही ठगी के तीन मामले दर्ज हैं, जबकि मिलन दां को दूसरी बार साइबर ठगी के मामले में जेल भेजा गया है।