Jammu : पवित्र अमरनाथ यात्रा 2025 को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने विशेष पहल की है। महिला तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए बल ने ‘मे आई हेल्प यू’ टीम की तैनाती की है, जिसमें महिला कर्मी नारंगी रंग की विशेष बनियान पहनकर बालटाल मार्ग पर मौजूद रहेंगी। CRPF अधिकारियों ने बताया कि ये टीमें आधार शिविर से लेकर दोमेल के प्रवेश बिंदु तक तैनात की गई हैं और यात्रियों को जानकारी, मार्गदर्शन और आपात स्थिति में सहायता देने का काम करेंगी।
यात्रा मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था
दो प्रमुख मार्गों से होगी यात्रा की शुरुआत : गुरुवार (3 जुलाई) से शुरू हो रही यह वार्षिक यात्रा दो मार्गों से संचालित होगी—नुनवान-पहलगाम मार्ग (48 किलोमीटर, अनंतनाग जिले में), बालटाल मार्ग (14 किलोमीटर, गांदरबल जिले में)। इनमें बालटाल मार्ग छोटा जरूर है, लेकिन अधिक खड़ी और चुनौतीपूर्ण चढ़ाई वाला है। इसी को देखते हुए यहां अतिरिक्त सहायता बलों की तैनाती की गई है।
सबसे बड़ी सुरक्षा तैनाती, CRPF के 219 कंपनियां सेवा में
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी सुरक्षा बलों को हरी झंडी : इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को 581 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की कंपनियों को हरी झंडी दिखाई, जिनमें CRPF की 219 कंपनियां शामिल हैं। बाकी कंपनियां BSF, ITBP, CISF और SSB से हैं।
पर्वतीय बचाव दल (Mountain Rescue Team) भी हुआ तैनात
स्वास्थ्य जटिलताओं और आपदा की स्थिति में तत्काल सहायता :: CRPF ने यात्रा मार्ग पर 30 कर्मियों वाली एक पर्वतीय बचाव टीम (MRT) भी तैनात की है, जो उच्च ऊंचाई के कारण उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित आपदाओं की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करेगी। CRPF के उप महानिरीक्षक एवं यात्रा के संयुक्त नोडल अधिकारी सुधीर कुमार ने कहा, “हम तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी हितधारकों के साथ समन्वय में पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमारी सभी टीमें समय पर सहायता और मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करेंगी।”
अब तक 3.31 लाख श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगी। इस वर्ष अब तक 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, जिससे यह यात्रा पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की चुनौती बन गई है।