जमशेदपुर: साइबर ठगों ने फ्रॉड का एक नया तरीका ईजाद किया है। साइबर ठग लोगों के पास परिवहन विभाग का फर्जी चालान भेज रहे हैं। इसका खुलासा गुरुवार को तब हुआ जब जमशेदपुर के विजया गार्डन के रहने वाली महिला स्वामी पटनायक के व्हाट्सएप मोबाइल पर परिवहन विभाग का फर्जी ई चालान भेजा गया।
चालान में जून 2022 का बताया गया मामला
इसमें बताया गया कि महिला के पति की कार से जून 2022 में यातायात नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसलिए उन पर ₹6000 का जुर्माना किया गया है। इस पर एक लिंक भी दिया गया था। इसके जरिए जुर्माना जमा करने की बात कही गई थी। लेकिन, चालान में जो धाराएं दी गई थीं वह भारतीय दंड संहिता की थी। इससे महिला का माथा ठनका और उन्होंने अपने एक परिचित अधिवक्ता श्रीकांत सिंह को वह चालान दिया।
फेक चालान देख दंग रह गई ट्रैफिक पुलिस
अधिवक्ता श्रीकांत सिंह ने जब कोर्ट में चालान के बारे में जानकारी प्राप्त की तो वहां इसका कोई दस्तावेज नहीं मिला। इसके बाद अधिवक्ता श्रीकांत सिंह साकची ट्रैफिक थाना पहुंचे। यहां ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ने चालान देखा तो वह दंग रह गए। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग कभी भारतीय दंड संहिता की धाराओं में चालान नहीं भेजती है। स्पाट फाइन नहीं देने पर मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान के अनुसार चालान न्यायालय भेजा जाता है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह साइबर ठगों की चाल है। दिए गए लिंक के जरिए कोई जुर्माना अदा न करे।
ई परिवहन ऐप से विवरण निकल रहे साइबर ठग
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ई परिवहन और एम परिवहन जैसे कई ऐप हैं। जिनमें गाड़ी और गाड़ी मालिकों का पूरा विवरण रहता है। वहीं से डिटेल लेकर साइबर अपराधी साइबर क्राइम को अंजाम देने की जुगत में लगे हैं। इससे लोगों को सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने सलाह दी कि अगर इस तरह का चालान किसी को मिले तो वह दिए गए लिंक में क्लिक करने के बजाय पुलिस की मदद लें।