नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने कुख्यात जामताड़ा-आधारित साइबर ठगी के रैकेट के मुख्य सरगना अजय कुमार मंडल को एक सुनियोजित मल्टी-स्टेट ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया है। यह ऑपरेशन झारखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में फैला हुआ था।
डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि आरोपी बैंक अधिकारियों के रूप में फर्जी पहचान बनाकर लोगों को फोन करते थे और केवाईसी वेरिफिकेशन के बहाने ठगी करते थे। दिल्ली के एक शिकायतकर्ता के साथ ऐसी ही घटना हुई, जहां आरोपी ने एनी डेस्क नामक रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन का उपयोग कर पीड़ित के मोबाइल डिवाइस तक पहुंच बनाई। इसके बाद, पीड़ित के खाते से 8,10,387 रुपए की धोखाधड़ी से ट्रांसफर कर लिए गए।
चुराए गए पैसों का उपयोग सात हाई-एंड ऐप्पल आईफोन और एक मैकबुक खरीदने के लिए किया गया, जो रिलायंस डिजिटल और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से डिजिटल वाउचर के जरिए खरीदे गए ताकि ट्रेसिंग से बचा जा सके। ठगों ने फर्जी या प्रॉक्सी पहचान वाले आईपी पते और मोबाइल नंबरों का जाल बिछाकर अपनी डिजिटल गतिविधियों को छिपाने की कोशिश की।
मामले की जांच कर रही साइबर सेल की फोरेंसिक टीम ने आईपी लॉग, सिम उपयोग और आईएमईआई डेटा का विश्लेषण कर महत्वपूर्ण सुराग हासिल किए। डिजिटल निगरानी के दौरान दो संदिग्ध मोबाइल नंबरों का एक ही समय और स्थान झारखंड के गिरिडीह में सक्रिय पाया। इसके बाद सटीक क्षेत्रीय ऑपरेशन और तकनीकी निगरानी के जरिए अजय कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से ठगी के पैसों से खरीदा गया एक आईफोन बरामद किया गया।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी अजय के पास माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है और वह इस साइबर ठगी मॉड्यूल का मुख्य संचालक है। डीसीपी ने कहा कि मामले की जांच जारी है ताकि रैकेट से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके और ठगी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो।
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