भारत के 18 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने 2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप में इतिहास रचते हुए दुनिया के सबसे युवा विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया है। गुकेश ने सिंगापुर में हुए फाइनल मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ उन्होंने चीन की बादशाहत को समाप्त कर दिया और शतरंज की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया।
गुकेश की शानदार रणनीति
गुकेश ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले में काले मोहरे के साथ खेलते हुए जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया। मैच के दौरान एक समय पर यह मुकाबला टाईब्रेक की ओर बढ़ रहा था, लेकिन गुकेश ने पूरे आत्मविश्वास के साथ दबाव को सहते हुए अपनी कोशिश जारी रखी। डिंग लिरेन दबाव में आकर एक बड़ी गलती कर बैठे, जिसका पूरा फायदा गुकेश ने उठाया और निर्णायक बाजी जीतकर खिताब अपने नाम किया। गुकेश ने 7.5 अंक हासिल किए, जबकि डिंग लिरेन केवल 6.5 अंक ही जुटा सके।
भारत का दूसरा विश्व चैंपियन
इस शानदार जीत के साथ, डी गुकेश अब भारत के दूसरे विश्व चैंपियन बन गए हैं। इससे पहले, भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने पांच बार विश्व चैंपियन का खिताब जीता था, और उनका आखिरी खिताब 2013 में था। अब गुकेश ने उन्हें एक और उपलब्धि में बराबरी पर ला खड़ा किया है।
नई शुरुआत और शतरंज का भविष्य
डी गुकेश की इस जीत से भारतीय शतरंज को एक नई दिशा मिली है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि युवा प्रतिभा के लिए कोई सीमा नहीं होती। गुकेश के बाद रूस के गैरी कास्पारोव, जो 1985 में 22 साल की उम्र में सबसे युवा विश्व चैंपियन बने थे, का रिकॉर्ड भी अब टूट चुका है। गुकेश ने अपनी जीत से यह सिद्ध कर दिया कि शतरंज की दुनिया में नई उम्मीदें और संभावनाएं हैं।
डी गुकेश की इस जीत ने शतरंज की दुनिया में एक नई उम्मीद को जन्म दिया है। उनकी सफलता अब दुनिया भर के युवा शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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