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DDU: गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एलएलएम एडमिशन घोटाला: अमेरिकी छात्र ने दो विश्वविद्यालयों में एक साथ लिया दाखिला, नियमों की उड़ाई धज्जियां

सुधीर गुप्ता से सीधा संपर्क नहीं हो सका, तो उनके फोन पर उनके भतीजे गौरव खन्ना ने जवाब दिया: 'इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है, पढ़ाई का शौक है। इससे किसी को परेशानी क्यों होनी चाहिए'।

by Anurag Ranjan
गोरखपुर यूनिवर्सिटी
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गोरखपुर : गोरखपुर यूनिवर्सिटी के लॉ विभाग में एक अमेरिकी छात्र ने एक साथ दो विश्वविद्यालयों में LLM कोर्स में दाखिला लेकर UGC नियमों का उल्लंघन किया। विश्वविद्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं।

उच्च शिक्षा में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) में पढ़ रहे एक अमेरिकी छात्र सुधीर गुप्ता द्वारा एक ही सत्र में दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों से LLM कोर्स करने का मामला सामने आया है। यह न केवल UGC के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है।

कौन हैं सुधीर गुप्ता

  • सुधीर गुप्ता, मूल रूप से भारत में जन्मे लेकिन वर्तमान में अमेरिकी नागरिक हैं।
  • वे OCI कार्डधारक हैं और पिछले कुछ वर्षों से गोरखपुर के मोहद्दीपुर इलाके में रह रहे हैं।
  • वे अपनी फर्म ‘सुधीर टैक्स सर्विसेज’ के जरिए अमेरिकी नागरिकों को टैक्स सलाह देते हैं, जो अमेरिका के जर्सी सिटी में रजिस्टर्ड है।
  • वह खुद को IRS (Internal Revenue Service) अधिकारी भी बताते हैं, हालांकि वे पिछले 6 साल से अमेरिका नहीं गए हैं।
  • दो विश्वविद्यालयों में एक साथ एलएलएम में दाखिला

साल 2024 में सुधीर गुप्ता ने

  1. SRMU लखनऊ (श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी) में LLM कोर्स में दाखिला लिया और पहले सेमेस्टर की परीक्षा भी दी।
  2. उसी वर्ष DDU गोरखपुर में भी LLM में दाखिला ले लिया।
    यह दोनों कोर्स रेगुलर मोड में हैं, जो सीधे-सीधे UGC गाइडलाइंस का उल्लंघन है।

UGC नियम क्या कहते हैं

UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के अनुसार
• एक छात्र दो अलग-अलग कोर्स एक साथ कर सकता है, यदि उनमें से एक डिस्टेंस या ऑनलाइन मोड में हो।
• लेकिन एक ही कोर्स दो विश्वविद्यालयों से रेगुलर मोड में नहीं किया जा सकता।
इसलिए सुधीर गुप्ता का यह कदम स्पष्ट रूप से नियमों के विरुद्ध है।

परिवार की प्रतिक्रिया : ‘इससे क्या फर्क पड़ता है’

जब सुधीर गुप्ता से सीधा संपर्क नहीं हो सका, तो उनके फोन पर उनके भतीजे गौरव खन्ना ने जवाब दिया:
‘इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है, पढ़ाई का शौक है। इससे किसी को परेशानी क्यों होनी चाहिए’।

DDU की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा

‘फिलहाल यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं था। यदि आरोप सही पाए गए, तो जांच कराई जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी’।

लॉ विभाग के HOD प्रो. जितेंद्र मिश्रा बोले

‘UGC नियमों के अनुसार एक ही कोर्स दो संस्थानों में एक साथ नहीं किया जा सकता। यह गंभीर मामला है’।

बिना दस्तावेज सत्यापन के हुआ एडमिशन

DDU में सुधीर गुप्ता ने यह तर्क दिया कि उनके दस्तावेज IRS में जमा हैं। इसी आधार पर उनका एडमिशन हो गया, लेकिन अब तक उनका वास्तविक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं हुआ।

क्या हो सकते हैं परिणाम

अगर आरोप साबित होते हैं तो…
• दोनों यूनिवर्सिटी से एडमिशन रद्द किया जा सकता है।
• भविष्य में किसी भी संस्थान में दाखिला प्रतिबंधित हो सकता है।
• डिग्री अमान्य घोषित की जा सकती है।
• मामले में कानूनी कार्रवाई भी संभव है।

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