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DDU: गायन, नाटक एवं भाषण से सुसज्जित ‘सतरंग’ ने मोहा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का मन

गृह विज्ञान की छात्रा सिद्धि पांडेय ने “विकसित भारत” की संकल्पना पर प्रभावशाली भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत के भविष्य और प्रगति की दिशा में अपने विचार साझा किए।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शनिवार को कर्मचारियों और छात्रों के बीच एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘सतरंग’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश स्तुति से हुई, जिसके बाद शास्वत पांडेय ने संस्कृत में गीत प्रस्तुत कर भारत की महानता का गुणगान किया।

विकसित भारत की संकल्पना पर प्रभावशाली भाषण

गृह विज्ञान की छात्रा सिद्धि पांडेय ने “विकसित भारत” की संकल्पना पर प्रभावशाली भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत के भविष्य और प्रगति की दिशा में अपने विचार साझा किए। उनका भाषण दर्शकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और सबको भारत के उज्जवल भविष्य की उम्मीद दी।

संगीत एवं ललित कला विभाग के छात्रों ने अपनी गायन प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। “सारी सारी रतिया जगावे हो रामा” चैती गीत ने उपस्थित सभी को अपनी मधुर ध्वनि से प्रभावित किया और पूरे कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गूंज उठा। इस प्रस्तुति में शुभम, प्रियंजली, शांतनु, अमन और अन्य विद्यार्थियों ने भाग लिया।

“कृष्ण-अर्जुन संवाद” नाटक ने बटोरी वाहवाही

छात्रों द्वारा प्रस्तुत “कृष्ण-अर्जुन संवाद” नाटक ने महाभारत के गूढ़ दर्शन को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। इस नाटक को पहले भी द्वितीय पुरस्कार मिल चुका है। नाटक में वैदेही शरण, आशीर्वाद श्रीवास्तव, गर्विता, लाभांश, हिमांशु एवं अन्य विद्यार्थियों ने बेहतरीन अभिनय किया, जिसे दर्शकों ने बहुत सराहा।

नृत्य नाटक के माध्यम से ‘स्त्री दशा’ पर संवेदनशील प्रस्तुति

हिंदी विभाग की छात्राओं ने ‘स्त्री दशा’ पर आधारित एक भावनात्मक नृत्य नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने महिलाओं की वर्तमान स्थिति को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया। इस प्रस्तुति में शगुन, अंशिका, स्वाति एवं अन्य विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिन्होंने दर्शकों को स्त्रियों के अधिकारों और स्थिति पर सोचने के लिए मजबूर किया।

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विश्वविद्यालय के कर्मचारी ही इसके मूल आधार : कुलपति प्रो. पूनम टंडन

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारी ही इसके मूल आधार हैं, जिनके प्रयासों से विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती है। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों की शानदार प्रस्तुति की सराहना की।

प्रतिभागियों को मिला प्रशस्ति पत्र

कार्यक्रम के अंत में अंग्रेजी विभाग की डॉ. अपर्णा पांडेय, डॉ. दिव्या रानी और डॉ. उषा ने सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन दिव्या राय ने किया, और वित्त अधिकारी जयमंगल राव ने आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया।

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