शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी घने कोहरे में डूबी रही, जिससे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गिरकर 251 पर आ गया। यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार ‘खराब’ श्रेणी में आता है। आनंद विहार जैसे इलाकों में (AQI) 334 रहा, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में माना जाता है।
CPCB ने चेतावनी दी है कि ‘खराब’ वायु गुणवत्ता के कारण लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, और ‘बहुत खराब’ स्तर के कारण समय के साथ, इस जगह में रहने वाले लोगों को सांस संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं।
सरकार ने निकाले एयर पॉल्यूशन से निपटने के उपाय?
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-1 (GRAP-1) के तहत कुछ उपायों की घोषणा की है। बयान में कहा गया है कि धूल को नियंत्रित करने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों की जांच करेंगी। लोक कल्याण विभाग (पीडब्ल्यूडी) 200 एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करेगा, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) 30, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) 14 और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) 80 एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करेगा।
दिल्ली पुलिस भीड़ वाले वाले एरिया में ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाएगी और आवश्यकता पड़ने पर होमगार्ड को स्टैंडबाय पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री आतिशी ने निवासियों को कारपूल करने, कचरा और पटाखे जलाने से बचने और ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से प्रदूषण की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।
निरीक्षण दल यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि सरकारी और निजी निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण नियमों का खास पालन किया जाए। वे विशेष रूप से निर्माण अपशिष्ट से छुटकारा पाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो प्रदूषण के स्तर को बढ़ाता है। एंटी-स्मॉग गन उन महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी रखी जाएंगी जहां इस मौसम में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है।