सेंट्रल डेस्क: Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने शनिवार को कालकाजी सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमेश बिधुरी को 3,500 से अधिक वोटों से हराकर जीत दर्ज की। हालांकि वोटों की गिनती के दौरान लोगों की सांसे अटकी रहीं क्योंकि बिधुरी ने भी मुख्यमंत्री आतिशी को इस सीट पर कड़ी टक्कर दी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के शुरूआत से ही बिधुरी और आतिशी के बीच वाद-विवाद जारी रहा।
तीन बार विधायक रहे रमेश बिधुरी
रमेश बिधुरी, जो कि एक प्रमुख गुज्जर नेता और तीन बार के विधायक रह चुके हैं। बिधुरी को बीजेपी की ओर से अतिशी के खिलाफ उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा गया था। हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता अतिशी ने शुरुआती दौर में पिछड़ने के बावजूद जोरदार वापसी करते हुए दूसरी बार यह सीट जीत ली। रमेश बिधुरी पिछले दो दशकों से दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख बीजेपी नेता रहे हैं।
छात्र जीवन से ही राजनीति में रहे सक्रिय
18 जुलाई 1961 को जन्मे बिधुरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में सक्रियता दिखाई। बिधुरी 1997 से 2003 तक दिल्ली बीजेपी के जिला अध्यक्ष रहे और 2003 से 2008 तक दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रहे।
2014 में, बिधुरी ने दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीते और AAP के कर्नल देवेंद्र सेहरावत को हराया। 2019 में, उन्होंने AAP के राघव चड्ढा को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी।
अलग-अलग कारणों से रहे चर्चा में
रमेश बिधुरी का राजनीतिक करियर विवादों से भी अछूता नहीं रहा है। 2023 में, बीजेपी नेता ने लोकसभा में बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली के खिलाफ धार्मिक अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। कुछ महीनों बाद बिधुरी ने अपने अपमानजनक टिप्पणियों के लिए माफी मांगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिधुरी विपक्षी हमलों का शिकार हुए, खासकर उनके अतिशी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर।
15 जनवरी को, बिधुरी ने अतिशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री “जंगल में दौड़ती हिरणी” की तरह हैं। उन्होंने कहा, “लोग चार साल से कठिन परिस्थितियों में हैं और अब चुनाव के नजदीक आते ही अतिशी दिल्ली की सड़कों पर घूम रही हैं, जैसे जंगल में हिरणी दौड़ती रहती है… जब भी वह किसी बहन से मिलती हैं, उसे गले लगा लेती हैं जैसे कुम्भ में खोई हुई बहन को गले लगा लिया हो।”
अतिशी पर की थी व्यक्तिगत टिप्पणी
जनवरी के पहले सप्ताह में बिधुरी ने अतिशी पर एक और व्यक्तिगत हमला किया, जिसमें उन्होंने कहा, “यह मार्लिना (अतिशी का पुराना उपनाम) अब सिंह बन गई और नाम बदल लिया। केजरीवाल ने कसम खाई थी कि उनके बच्चे कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन मार्लिना ने तो पिता ही बदल लिया। पहले वह मार्लिना थीं, अब वह सिंह बन गईं। यह उनका चरित्र है।”