सेंट्रल डेस्क : दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर होते हुए दिख रहा है। आम आदमी पार्टी की हार के बाद पार्टी की प्रमुख नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा एलजी सचिवालय पहुंचकर सौंपा है।
जानकारी के मुताबिक वह रविवार सुबह 11 बजे उपराज्यपाल (LG) से मिलकर अपना इस्तीफा राजभवन में सौंपेंगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद यह कदम उठाया जा रहा है, जिसमें भाजपा को 48 सीटें और आम आदमी पार्टी (AAP) को केवल 22 सीटें हासिल हुई हैं।
आतिशी के इस्तीफे की खबर दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल मचा दी है। हालांकि, भाजपा की ओर से अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम का एलान नहीं किया गया है। आम आदमी पार्टी की इस हार ने दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। यह बदलाव उस समय हुआ है, जब आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव हार गए, जिनमें पार्टी के प्रमुख चेहरों की हार शामिल है।
आतिशी ने कालकाजी सीट से दर्ज की जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की प्रमुख नेता आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की है। इस सीट पर उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को 3500 से ज्यादा वोटों से हराया। आतिशी की यह जीत पार्टी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस जीत से पार्टी को दिल्ली विधानसभा में भाजपा के बहुमत वाली सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का मौका मिलेगा।
आतिशी की यह जीत पार्टी के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन पार्टी के अन्य बड़े नेताओं की हार ने चुनाव परिणामों को और भी दिलचस्प बना दिया। अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए हैं। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया, जो पार्टी के उपमुख्यमंत्री रहे हैं, जंगपुरा सीट से भी हार गए हैं। इसके अलावा, सौरभ भारद्वाज को भी ग्रेटर कैलाश से हार का सामना करना पड़ा। इन हारों ने आम आदमी पार्टी के लिए एक मुश्किल स्थिति उत्पन्न की है, जिससे पार्टी के भीतर और बाहर सियासी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
AAP के तीन मंत्री सफल हुए चुनावी मैदान में
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए एक राहत की बात यह रही कि पार्टी के तीन मंत्री चुनावी मैदान में जीतने में सफल रहे हैं। इनमें गोपाल राय, मुकेश अहलावत और इमरान हुसैन शामिल हैं।
गोपाल राय ने बाबरपुर से 18,994 वोटों से जीत दर्ज की।
मुकेश अहलावत ने सुल्तानपुर माजरा से 17,126 वोटों से जीत हासिल की।
इमरान हुसैन ने बल्लीमारान सीट से 29,823 वोटों से बड़ी जीत हासिल की।
इन तीनों मंत्रियों की जीत आम आदमी पार्टी के लिए एक आशा की किरण के रूप में सामने आई है, खासकर जब पार्टी के अन्य बड़े नेता हार गए हैं। इन जीतों से पार्टी को विधानसभा में कुछ हद तक अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
चुनाव परिणाम और भविष्य की दिशा
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम ने दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा दी है। भाजपा ने 48 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटें ही मिल पाई हैं। यह परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पार्टी के प्रमुख नेताओं की हार और विधानसभा में बहुमत से दूर होने के बाद, उनके लिए अगला कदम तय करना चुनौतीपूर्ण होगा।
आतिशी का इस्तीफा और दिल्ली में चल रही सियासी हलचल, यह संकेत दे रहे हैं कि अब दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनने जा रही है। हालांकि, अभी तक भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन चुनावी परिणामों के बाद दिल्ली के सियासी माहौल में बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
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