सेंट्रल डेस्क: आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मध्यम वर्ग के लिए अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। अरविंद केजरीवाल ने अन्य राजनीतिक दलों पर आरोप लगाया कि वे मध्यम वर्ग को ‘सरकार के लिए सिर्फ एक एटीएम’ की तरह उपयोग कर रहे हैं। अपने घोषणापत्र में आप प्रमुख ने मध्यम वर्ग के जीवन में सुधार के लिए केंद्र से सात मांगें रखीं है।
करों के बोझ तले दबा मध्यम वर्ग
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘भारत में मध्यम वर्ग को करों के बोझ तले कुचला जा रहा है। मध्यम वर्ग टैक्स टेररिज्म के शिकार हैं। भारी कर का भुगतान करते हैं, लेकिन बदले में बहुत कम प्राप्त करते हैं। यह समूह किसी राजनीतिक दल के एजेंडे में नहीं है।
कल्याण के लिए हो करदाताओं के धन का इस्तेमाल
आप संयोजक ने कहा कि आप सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए संजीवनी योजना जैसी कई घोषणाए की हैं। जिसका उद्देश्य दिल्ली में बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य कल्याण मुहैया कराना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि करदाताओं के धन का इस्तेमाल करदाताओं के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘जब विदेशों में ऐसी योजनाएं (फ्रीबिज) लागू की जाती हैं तो हम उनकी प्रशंसा करते हैं। लेकिन जब हम भारत में ऐसा करते हैं, तो इसे मुफ्त के रूप में लेबल किया जाता है। मतदाताओं के पैसे का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करने से देश का विकास होता है।
केंद्र के लिए आप सरकार की सात मांगें हैं:
1.शिक्षा बजट में 2% से 10% की वृद्धि और निजी स्कूलों की फीस को विनियमित करना।
2.मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए सुलभ बनाने के लिए उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी शुरू करें।
3.स्वास्थ्य बजट को बढ़ाकर 10% किया जाए और स्वास्थ्य बीमा पर लगने वाले टैक्स को हटा दिया जाए।
4.आयकर छूट सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाए।
5.आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाएं।
6.वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन प्लान पेश करें।
7.रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50% रियायत प्रदान करें।