नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की पश्चिमी रेंज-II ने कुख्यात विक्की सन्यासी गैंग के एक सदस्य और शार्प शूटर सेंसर पाल सिंह उर्फ बबलू को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। 35 वर्षीय सेंसर पाल सिंह, उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के कोतवाली हापुड़ के गांव-बदनोली का निवासी है। यह अभियुक्त 2017 में पालम गांव में हत्या के प्रयास और विशाल मेगा मार्ट के मैनेजर को एक्सटॉर्शन के लिए धमकाने के दो मामलों में वॉन्टेड था। 2019 से वह कानून की पकड़ से फरार था और लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था।
डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली एनसीआर में सक्रिय अपराधियों, भगोड़ों और गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए लगातार काम कर रही है। हेड कांस्टेबल सोनू को गुप्त सूचना मिली थी कि विक्की सन्यासी गैंग का एक भगोड़ा अपराधी हापुड़ क्षेत्र में घूम रहा है। हालांकि, उसके ठिकाने का सटीक पता नहीं चल पा रहा था। इसके बाद लेडी कांस्टेबल बिंदु ने तकनीकी रूप से सूचना को और पुख्ता किया। टीम ने हापुड़-मोदीनगर रोड पर जाल बिछाकर सेंसर पाल सिंह उर्फ बबलू को एक सुनियोजित और समन्वित ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में सेंसर पाल ने बताया कि वह 2015 में दिल्ली आया और आईजीआई एयरपोर्ट पर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम करने लगा। वह पालम क्षेत्र में रह रहा था, जहां उसकी मुलाकात विक्की सन्यासी से हुई। विक्की के प्रभाव में आकर वह उसके गैंग में शामिल हो गया। फरवरी 2017 में, सेंसर पाल ने विक्की सन्यासी और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर पालम गांव में विक्की के एक प्रतिद्वंद्वी पर गोली चलाई। उसी दिन, उन्होंने पालम के विशाल मेगा मार्ट की दुकान के मैनेजर को प्रोटेक्शन मनी देने की धमकी दी।
इन मामलों में जमानत मिलने के बाद सेंसर पाल कोर्ट में पेश नहीं हुआ और दिल्ली छोड़कर फरार हो गया। वह उत्तराखंड में ड्राइवर के रूप में काम करता रहा और हापुड़ में पिकअप वैन चलाने लगा। पकड़े जाने से बचने के लिए उसने मोबाइल फोन का उपयोग भी बंद कर दिया था।
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