सेंट्रल डेस्क : दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से नतीजों पर मंथन के लिए बैठक आयोजित की गई। इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री आप नेता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने उन आप उम्मीदवारों का मनोबल बढ़ाया जो चुनाव नहीं जीत पा रहे थे। चुनाव के दौरान पूरी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया।
पार्टी के सभी नेता अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की करेंगे सेवा
उन्होंने कहा कि पैसा और शराब खुलेआम बांटी गई। चुनाव आयोग के नियमों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया।” इसके साथ ही, सिसोदिया ने यह भी कहा कि आप के सभी नेता अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की सेवा करेंगे।
आतिशी बोलीं- हार पर कर रहे विश्लेषण
पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता आतिशी ने बैठक के बाद कहा, “अभी हम यह विश्लेषण कर रहे हैं कि हम क्यों हार गए, लेकिन यह दिल्ली के लोगों का जनादेश है और हम इसका सम्मान करते हैं। इस चुनाव में हिंसा और घेराबंदी की घटनाएं हुईं। खुलेआम पैसे और शराब बांटे गए, पुलिस भी इसमें शामिल थी, और विरोध करने वालों को जेल में डाला गया। लेकिन हम दिल्ली के जनादेश को स्वीकार करते हुए रचनात्मक रूप से विरोध करेंगे।”
भाजपा ने उपराज्यपाल से बैठक के लिए मांगा समय
भाजपा ने अपनी बड़ी जीत के एक दिन बाद, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से नवनिर्वाचित विधायकों के लिए बैठक का समय मांगा। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सक्सेना को पत्र लिखकर नवनिर्वाचित 48 विधायकों और सात लोकसभा सांसदों के साथ बैठक के लिए समय मांगा।
भाजपा को मिली हैं 48 सीटें
दिल्ली में भाजपा ने अपनी ऐतिहासिक वापसी करते हुए 27 साल के वनवास को समाप्त कर दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए थीं। इस जीत के साथ, आम आदमी पार्टी (आप) का दिल्ली में सत्ता का 10 साल पुराना किला ढह गया है। अब दिल्ली की जनता की नजर मुख्यमंत्री के चेहरे पर है।

आतिशी का बढ़ा कद, क्या मिलेगी नेता विपक्ष की जिम्मेदारी?
आप की हार के बाद आज रविवार को आतिशी ने अपने मुख्यमंत्री से पद से भले ही इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन आम आदमी पार्टी में उनका कद बढ़ गया है। जहां अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए वहीं आतिशी अपनी सीट बचाने में सफल रहीं हैं। हालांकि, कालकाजी से जीतने के बाद भी वह जश्न नहीं मना सकीं क्योंकि उनकी पार्टी के ज्यादातर टॉप लीडर्स को चुनाव में हार मिली। ऐसे में अब दिल्ली विधानसभा में आतिशी के नेता विपक्ष बनने की संभावना बढ़ गई है। गोपाल राय और इमरान हुसैन ही उनके अलावा आप के ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो नेता विपक्ष का पद संभाल सकते हैं। आतिशी मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं और लगातार बीजेपी पर हमलावर रही हैं, इस लिहाज से नेता विपक्ष के पद लिए उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत मानी जा रही है। महिला चेहरा होने के साथ-साथ वह पार्टी प्रवक्ता के तौर पर पूर्व में अहम भूमिका निभा चुकी हैं।
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