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Naresh Balyan bail: मकोका मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप विधायक नरेश बाल्यान की जमानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा

by Yugal Kishor
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नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश बाल्यान की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। यह मामला महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज किया गया है। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए उन्हें अगली सुनवाई से पहले वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

वकील ने दी दलील, नरेश का आपराधिक गिरोह से वास्ता नहीं

नरेश बाल्यान के अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत में यह दलील दी कि उनकी जमानत याचिका को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंजूर किया जाना चाहिए, क्योंकि उनकी पत्नी आगामी चुनाव में प्रत्याशी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बाल्यान पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं हैं। पाहवा ने यह तर्क दिया कि प्राथमिकी में बाल्यान का नाम तक नहीं है, और यह तथ्य कि उन्होंने खुद उस गिरोह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, यह साबित करता है कि वह किसी अपराधी गिरोह का हिस्सा नहीं हो सकते।

बाल्यान की गिरफ्तारी पर उनके अधिवक्ता ने उठाए सवाल

पाहवा ने और भी कहा कि अगर बाल्यान किसी संगठित अपराध गिरोह का हिस्सा होते तो उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बाल्यान को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि पुलिस ने उन्हें उसी दिन गिरफ्तार कर लिया, जिस दिन वह एक अन्य मामले में जमानत पर रिहा हुए थे।

पुलिस ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए मांगा समय

वहीं, पुलिस के वकील ने मामले में वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा और कहा कि मामले की जांच अभी महत्वपूर्ण चरण में है। पुलिस ने यह दावा भी किया कि जमानत मिलने पर आरोपी जांच में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है। अभियोजन पक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में गिरोह के खिलाफ दर्ज 16 प्राथमिकी में इस गिरोह की गतिविधियों का उल्लेख है और यह समाज के लिए खतरा बन चुकी है। अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि इस गिरोह ने भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की है और समाज में अराजकता फैलाई है।

मकोका के तहत गिरफ्तार किए गए थे बाल्यान

बाल्यान को 4 दिसंबर, 2024 को मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन एक निचली अदालत ने उन्हें जबरन वसूली के आरोपों में जमानत दी थी। लेकिन निचली अदालत ने 15 जनवरी, 2025 को बाल्यान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में जमानत के खिलाफ विरोध करते हुए कहा था कि जांच के दौरान आरोपी जांच में बाधा डाल सकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी, 2025 को तय की है, जब पुलिस को वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

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