रांची: झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य सरकार से कोचिंग सेंटरों के लिए एक विशेष कानून बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान में कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं, जिसके कारण छात्रों के हितों की रक्षा करना मुश्किल हो रहा है। इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों के द्वारा छात्रों से फीस वसूलने में किसी प्रकार का नियंत्रण न होने की वजह से ये संस्थान नाजायज लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों द्वारा लाखों रुपये की फीस वसूली जा रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई दिशा-निर्देश या विनियमन नहीं है। इससे इन संस्थानों के लिए फीस की वसूली और अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण रखना बेहद मुश्किल हो रहा है।

संस्थानों में गुणवत्ता का ख्याल नहीं
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या इन संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर वास्तव में छात्रों के पैसों के अनुरूप है। उनका कहना था कि कई बड़े कोचिंग संस्थान बिना गुणवत्ता वाले शिक्षकों के लाखों रुपये की फीस ले रहे हैं। इसके अलावा अजय राय ने कोचिंग संस्थानों द्वारा होस्टल और बोर्डिंग के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में छात्रों से अत्यधिक शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का स्तर अत्यंत निम्न है। इस संबंध में एक उचित जांच की आवश्यकता है।
कोचिंग संस्थानों को देनी चाहिए गारंटी
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि कोचिंग संस्थानों को यह गारंटी देनी चाहिए कि उनका संस्थान कितने प्रतिशत छात्रों को सफलतापूर्वक परीक्षा में उत्तीर्ण करवा पाता है। जिससे छात्रों और उनके अभिभावकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों के लिए एक विशेष कानून बनाए, जिसमें इन संस्थानों के संचालन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं। अगर कोई संस्थान कानून का उल्लंघन करता है,ल तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता से देखेगी और जल्द ही कोचिंग संस्थानों के लिए एक सख्त और पारदर्शी कानून लागू करेगी।
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