उद्घाटन से लेकर भ्रष्टाचार तक, टूटे सपनों की कहानी
देवघरः झारखंड के एकमात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भ्रष्टाचार की पोल खोलने इस बार ख़ुद इंद्र देवता अवतरित हो गए हैं। पानी बस टपक नहीं रहा बल्कि झर-झर करके गिर रहा है। जिस अस्पताल के उद्घाटन को लोग आज भी नहीं भूले हैं, वहां नीचे करोड़ों के उपकरण पड़े हैं और ऊपर से ऐसा लग रहा है मानो गंगा मैया ख़ुद स्नान कराने पहुंची हों।
वीडियो में नजर आया भयावह मंजर
सोशल मीडिया पर जेबीकेएसएस आर्मी द्वारा डाले गए वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह इस आलीशान इमारत के निर्माण में गड़बड़ियां हुई होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत तैयार इस अस्पताल के अंदर कंप्यूटर, टेबल, कुर्सी, आलमारी समेत कई महंगे उपकरण पानी में डूबे हुए नजर आए।
जनता के सपनों पर पानी फिरा
गौर करने वाली बात यह है कि उद्घाटन के महज एक साल बाद ही ऐसी स्थिति पैदा हो गई है। झारखंड के लोग, जिन्होंने बेहतर इलाज और विश्वस्तरीय पढ़ाई के लिए इस अस्पताल से उम्मीदें लगाई थीं, आज निराश हैं। उन्हें लग रहा था कि देवघर एम्स रांची के रिम्स जैसा नहीं होगा, पर यहां तो हालत उससे भी बदतर है। रांची में जहां पानी केवल सड़कों पर भरता है, वहीं देवघर एम्स में छत-दीवार से पानी इस कदर रिस रहा है कि पूरा कमरा जलमग्न हो गया है।
जिम्मेदार कौन?
सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिन उपकरणों की अभी पैकिंग तक नहीं खोली गई थी, उनके खराब होने का जिम्मेदार आखिर कौन है? जिस कमरे की स्थिति वीडियो में दिखाई जा रही है, वह केवल एक हिस्से की है। क्या पूरे एम्स में ऐसी ही लचर व्यवस्था है? इस पर प्रशासन को जवाब देना चाहिए।