लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा विभाग में अनियमितताओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने लापरवाह और वित्तीय अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों की वेतन वृद्धि को रोकने का निर्णय लिया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकार अब स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लिए गंभीर है।
भदोही जिले में अनियमितता के मामले में कार्रवाई
भदोही जिले में केंद्र सरकार की जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों को अनियमित भुगतान किए जाने का मामला सामने आया। यह मुद्दा 2017 से 2021 के बीच वित्तीय वर्ष में हुआ, जब ऑडिट टीम ने जांच की और पाया कि लाभार्थियों को कई बार अनियमित तरीके से भुगतान किया गया था। इसके अलावा, चिकित्सकीय सामग्री के क्रय में भी वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया गया।
इस मामले की जांच के दौरान तत्कालीन सीएमओ डॉ. जीबीएस लक्ष्मी पर आरोप लगे कि उन्होंने जांच के दौरान संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। जांच में दोषी पाए जाने पर डिप्टी सीएम ने डॉ. लक्ष्मी की तीन वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है। यह कदम स्वास्थ्य विभाग में कड़ी निगरानी रखने और लापरवाही के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का संकेत है।
फतेहपुर और बस्ती में भी कार्रवाई
वहीं, फतेहपुर जिले में डिप्टी सीएमओ डॉ. निशान्त एस शहाबुद्दीन पर बलिया में तैनाती के दौरान 10 ड्राइवरों की अनियमित नियुक्ति करने का आरोप था। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद, डिप्टी सीएम ने डॉ. शहाबुद्दीन की दो वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकते हुए उन्हें परिनिन्दा का दण्ड दिया।
इसके अलावा, बस्ती जिले में स्थित कैली के ओपेक चिकित्सालय के डॉ. पराग अग्रवाल पर भी फर्जी मेडिकोलीगल रिपोर्ट बनाने का आरोप था। इस मामले में भी जांच के बाद आरोप सही पाए गए, और डिप्टी सीएम ने उनकी एक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकते हुए उन्हें परिनिन्दा का दण्ड दिया।
बहराइच में टीकाकरण में उदासीनता
बहराइच जिले के सीएमओ के अधीन तैनात डॉ. मिथिलेश कुमार पर बलरामपुर के पचपेड़वा क्षेत्र में प्रभारी अधीक्षक रहते हुए राष्ट्रीय कार्यक्रमों और टीकाकरण में उदासीनता बरतने का आरोप था। जांच में यह आरोप सही पाए जाने के बाद, डॉ. मिथिलेश की दो वेतन वृद्धि दो वर्ष के लिए रोकने का आदेश दिया गया, और उन्हें परिनिन्दा (पदोन्नति और वेतन वृद्धि पर विचाराधीन) का दण्ड भी दिया गया।
गैरहाजिर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई
इसके अलावा, डिप्टी सीएम ने उन डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की है जो लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित थे। इनमें सहारनपुर टीबी सेनेटोरियम के डॉ. संजीव कुमार जैन, आगरा के पिनाहट जगतपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अमित कुमार और बलिया के सोनवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश कुमार सिंह शामिल हैं। इन सभी डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
डिप्टी सीएम का सख्त संदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी यह सोचता है कि वह अनियमितता करके स्थानांतरण या रिटायरमेंट के बाद दंड से बच सकता है, तो वह गलत है। रिटायरमेंट के बाद भी ऐसे कर्मियों को किसी भी रूप में बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा कर्मचारियों को यह समझना चाहिए कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करना होगा। सरकार नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।