सेंट्रल डेस्कः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में गड़बड़ियों के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि “जब एक ही मजाक बार-बार सुनाया जाए, तो उस पर हंसी नहीं आती।”
कांग्रेस दिल्ली चुनाव के नतीजों से पहले गढ़ रहा नैरेटिव
फडणवीस ने एक्स पर एक क्रिप्टिक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “जब एक ही चुटकुला बार-बार सुनाया जाए, तो उस पर हंसा नहीं करते।” फडणवीस ने अपने पोस्ट में राहुल गांधी को भी टैग किया। CM फडणवीस ने गांधी के आरोपों को “बेतुका” बताते हुए कहा कि यह “नैरेटिव” कांग्रेस द्वारा 8 फरवरी को दिल्ली चुनावों के नतीजों से पहले फैलाया जा रहा है, जहां ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस हारने वाली है।
राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनावों पर लगाए गए आरोप में दावा किया गया कि पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुईं। उन्होंने कहा कि महज पांच महीनों में राज्य के निर्वाचन सूची में 39 लाख नए मतदाता जोड़े गए थे।
कांग्रेस नेता ने इन नए मतदाताओं की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस अवधि में जो कुल मतदाता जोड़े गए, वह हिमाचल प्रदेश के पूरे चुनावी जनसंख्या से भी अधिक थे। राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी)-एनसीपी(एससीपी) गठबंधन ने चुनावों में कई गड़बड़ियां पाई थीं।
ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि “2019 विधानसभा चुनावों और 2024 लोकसभा चुनावों के बीच पांच साल में 32 लाख मतदाता जुड़े थे। लेकिन, 2024 लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों के बीच केवल पांच महीने में 39 लाख मतदाता जुड़े। सवाल है, ये 39 लाख मतदाता कौन हैं? यह हिमाचल प्रदेश की पूरी मतदाता संख्या के बराबर है। दूसरा सवाल है, महाराष्ट्र में मतदाता संख्या राज्य की कुल चुनावी जनसंख्या से भी ज्यादा क्यों है?… किसी तरह से महाराष्ट्र में अचानक मतदाता बना दिए गए हैं,”
देवेंद्र फडणवीस का राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता आत्ममंथन नहीं करते। आगे फडणवीस ने कहा कि “चुनाव आयोग ने सभी सवालों का स्पष्ट जवाब दिया है। राहुल गांधी एक कवर फायर कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद उनका पार्टी दिल्ली में कहीं नहीं होगी और फिर वह उस दिन क्या बोलेंगे, इसके लिए वह अब से ही नया नैरेटिव बना रहे हैं। अगर राहुल गांधी आत्ममंथन नहीं करेंगे और झूठ से आत्मसंतुष्ट रहेंगे, तो उनकी पार्टी का पुनर्निर्माण संभव नहीं है। राहुल गांधी को अपनी हार पर आत्ममंथन करना चाहिए।