देवघर: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और इसी के साथ बाबा बैद्यनाथ धाम यानी देवघर में श्रावणी मेला की रौनक चरम पर है। यहां का माहौल ऐसा है कि रात और दिन का फर्क मिट गया है। भक्ति और उजाले की चकाचौंध से देवघर नगरी 24 घंटे जीवंत नजर आ रही है।
सावल के पहले दिन पहुंचे 1.5 लाख भक्त
सावन के पहले दिन ही करीब 1.5 लाख श्रद्धालु देवघर पहुंचे और भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक बैद्यनाथ धाम में जलार्पण किया। प्रशासन के मुताबिक इस बार 60-70 लाख श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है।
हर कोना उजाले से रोशन
श्रावणी मेला के दौरान देवघर में ऐसा माहौल बन गया है कि रात में भी दिन का एहसास होता है। हर चौक-चौराहा स्पाइरल और डिजाइनर लाइटों से जगमग। 24 घंटे बिजली की सप्लाई है। सड़कें, गलियां और मंदिर परिसर चमचमाते दृश्य से भरपूर हैं। श्रद्धालुओं को वाहन की हेडलाइट जलाने की भी जरूरत नहीं पड़ रही।
शिवलोक भवन: लेजर लाइट और ड्रोन शो से सजा शिव तांडव
देवघर के बजरंगी चौक स्थित शिवलोक भवन सावन का मुख्य आकर्षण बन गया है। हर शाम यहां लेजर लाइट शो, ड्रोन लाइट शो, शिव तांडव स्तोत्र, शिव भजन और शिव पुराण आधारित प्रस्तुति दिखाई जाती है। यह कार्यक्रम युवाओं को भी धर्म और परंपरा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
सनातन धर्म से युवा दूर हो रहे हैं, लेकिन ये आधुनिक अंदाज उन्हें फिर से जोड़ रहा है। लेजर लाइट में शिव पुराण देखना रोमांचकारी अनुभव है।
सांस्कृतिक झलकियां और पर्यटन को बढ़ावा
शिवलोक भवन में झारखंड की ग्रामीण संस्कृति, लोक कलाएं और परंपराएं भी दर्शाई जा रही हैं। पर्यटन विभाग ने राज्य के अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी प्रचार-प्रसार किया है ताकि श्रद्धालु यहां से जुड़ाव महसूस करें और झारखंड भ्रमण को भी शामिल करें।
सावन में दुल्हन की तरह सजती है बाबा की नगरी
श्रावणी मेला देवघर के लिए सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी अहम है। जिला प्रशासन इसे पूरी भव्यता के साथ मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। हर कोना सजा है, हर पल भक्ति से भरा है।