देवघर: श्रावणी मेला 2025 में बुधवार को सावन की शिवरात्रि के अवसर पर बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। अहले सुबह से ही कांवड़िए ‘बोल बम’ के जयकारे लगाते हुए मंदिर परिसर में पहुंचकर अरघा प्रणाली के माध्यम से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते दिखे। मंगलवार रात 9 बजे से ही क्यू कॉम्प्लेक्स में कांवरियों का जमावड़ा शुरू हो गया था। बुधवार सुबह 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया।
Deoghar Shravani Fair 2025 : दो लाख से अधिक कांवरियों ने किया जलाभिषेक
मंगलवार देर रात तक लगभग 2.30 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाया। प्रशासनिक अनुमानों के अनुसार बुधवार शाम तक यह संख्या ढाई लाख को पार कर जाएगी। अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक श्रावण मास शुरू होने से लेकर सावन की शिवरात्रि तक लगभग 25 से 30 लाख कांवरिए देवघर पहुंच चुके हैं।
व्यवस्था पर श्रद्धालुओं ने जताई नाराजगी
बाबाधाम पहुंचे कई श्रद्धालुओं ने व्यवस्था पर नाराजगी जताई। सुपौल जिले से आए एक कांवरिए ने कहा कि बिहार में कांवरियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं, जबकि झारखंड में व्यवस्था को लेकर सजगता कम दिख रही है।
Deoghar Shravani Fair 2025 : धार्मिक महत्व: क्यों खास है सावन की शिवरात्रि?
मंदिर के पुजारियों के अनुसार, सावन की शिवरात्रि का महत्व अत्यधिक है। पौराणिक मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। बैद्यनाथ धाम को विशेष माना जाता है क्योंकि यहां सती के हृदय स्थल पर भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मान्यता है कि इस दिन बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वरिष्ठ पंडा जयदेव बाबा और विजय चंद्र कुंजीलवार ने बताया कि वर्षभर में 12 शिवरात्रियां होती हैं, जिनमें सावन की शिवरात्रि का महत्व सर्वोच्च है।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी
रूट लाइन पर सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। हालांकि 10 बजे तक भीड़ में थोड़ी कमी आई। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए रूट लाइन और मंदिर परिसर में जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है। शिवगंगा से जल भरने वाले कांवरिए पूरे रूट लाइन से गुजरते हुए बाबाधाम पहुंच रहे हैं।
गर्मी से बचाव और पानी की व्यवस्था
सुबह से ही रूट लाइन ‘बोल बम’ के नारों से गूंजता रहा। हालांकि सुबह 8 बजे के बाद धूप और गर्मी ने कांवरियों को परेशान किया। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से जल वितरण की व्यवस्था की गई, ताकि श्रद्धालुओं को राहत मिल सके।