रांची: झारखंड से इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिल रही है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना और 6 मई से भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव और युद्ध जैसे हालातों के कारण श्रद्धालुओं में डर है। वहीं लोग यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भी नहीं आ रहे है। बता दें कि रिम्स अमरनाथ यात्रा के लिए जरूरी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर रहा है, लेकिन 7 मई से अब तक कोई भी श्रद्धालु जांच के लिए नहीं पहुंचा है। 6 मई को भी केवल दो लोगों ने जांच कराई थी। रिम्स के पीआरओ के मुताबिक, अप्रैल के अंत तक लगभग 290 श्रद्धालुओं ने मेडिकल जांच कराई थी, लेकिन उसके बाद से यह संख्या लगभग शून्य हो गई है।
इसलिए जरूरी है मेडिकल फिटनेस
अमरनाथ यात्रा समुद्र तल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक होती है, जहां ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम होती है। ऐसे कठिन और जोखिम भरे वातावरण को देखते हुए सरकार की ओर से यात्रियों के लिए मेडिकल फिटनेस अनिवार्य किया गया है। रिम्स के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की फिटनेस जांच के लिए मेडिसिन, एनेस्थीसिया और ऑर्थो विभाग के विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है। जांच प्रक्रिया में ब्लड शुगर, ईसीजी, फेफड़ों की जांच, हीमोग्लोबिन, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी और चेस्ट एक्स-रे शामिल हैं। सभी मानकों पर खरे उतरने के बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
3 जुलाई से शुरू होगी यात्रा
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीजफायर को लेकर बनी सहमति के बाद स्थिति में सुधार होगा और श्रद्धालुओं की संख्या में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त के बीच प्रस्तावित है। सुरक्षा को लेकर श्रद्धालुओं की चिंता वाजिब है, लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने की भी पूरी तैयारी है।