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Dhanbad News: धनबाद बना झारखंड का पहला ऐसा जिला, जहां सदर अस्पताल में 28 जांचें होंगी पूरी तरह मुफ्त

Dhanbad News: “अब सभी आवश्यक टेस्ट की सुविधा अस्पताल परिसर में ही उपलब्ध होगी और कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।”

by Reeta Rai Sagar
Front view of Dhanbad Sadar Hospital building
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Dhanbad (Jharkhand): झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने वाला एक ऐतिहासिक कदम धनबाद में उठाया गया है। जिले के सदर अस्पताल में अब कुल 28 अत्यंत महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक टेस्ट को पूरी तरह निःशुल्क किया गया है। यह पहल न केवल झारखंड में पहली बार हुई है, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में देखी जा रही है।

अत्याधुनिक मशीनों से लैस हुई अस्पताल की लैब

धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल की लैब को अत्याधुनिक और पूरी तरह स्वचालित डायग्नोस्टिक मशीनों से सुसज्जित किया गया है। इससे मरीजों को अब किसी प्राइवेट लैब या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

उन्होंने बताया, “अब सभी आवश्यक टेस्ट की सुविधा अस्पताल परिसर में ही उपलब्ध होगी और कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।”

1982 में बंद हुआ था सदर अस्पताल, 2019 में पुनर्जीवित

धनबाद सदर अस्पताल की कहानी उतनी ही प्रेरक है जितनी इसकी वर्तमान उपलब्धियां।
वर्ष 1982 में इसे तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज में मर्ज कर दिया गया था ताकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बेड स्ट्रेंथ मानकों को पूरा किया जा सके। इसके बाद अस्पताल अस्तित्व से लगभग बाहर हो गया था।

लेकिन वर्ष 2019 में स्थानीय विधायक राज सिन्हा के प्रयास और झारखंड हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से इसे पुनः एक स्वतंत्र इकाई के रूप में शुरू किया गया। अब यह अस्पताल जिला खनिज न्यास निधि (DMFT) के अंतर्गत संचालित हो रहा है, जहां संविदा आधारित डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सेवाएं दे रहे हैं।

ये 28 जांचें अब सदर अस्पताल में होंगी निःशुल्क

उपायुक्त आदित्य रंजन के मुताबिक, अस्पताल में जिन जांचों को मुफ्त किया गया है, उनमें शामिल हैं:

लिवर प्रोफाइल, किडनी प्रोफाइल (क्रिएटिनिन, यूरिया, यूरिक एसिड, VLDL)

लिपिड प्रोफाइल, सीरम कैल्शियम, LDH (लैक्टेट डिहाइड्रोजेनेज)

पैंक्रियाटिक एंजाइम लेवल, विभिन्न प्रकार की हीमेटोलॉजी जांचें

इन सभी 28 टेस्टों की सूची अस्पताल में भी सार्वजनिक रूप से चस्पा की गई है ताकि कोई भ्रम की स्थिति न बने।

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लागू हुआ नया मॉनिटरिंग सिस्टम

उपायुक्त ने खुद अस्पताल की निगरानी की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने निर्देश दिया है कि ओपीडी, इमरजेंसी और नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की सूची प्रतिदिन सार्वजनिक रूप से लगाई जाए ताकि मरीजों को पारदर्शी और जिम्मेदार स्वास्थ्य सेवा मिले।

जनस्वास्थ्य में बड़ा सुधार, अन्य जिलों के लिए प्रेरणा

धनबाद सदर अस्पताल की यह पहल झारखंड की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरी है। इससे न केवल मरीजों को आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि सरकारी संस्थानों में लोगों का भरोसा भी मजबूत होगा।

यह कदम दर्शाता है कि अगर प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर काम करें तो सरकारी सुविधाएं भी निजी विकल्पों से बेहतर साबित हो सकती हैं।

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