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Digilocker: मोबाइल में सुरक्षित रहेंगे जरूरी दस्तावेज, जानें कैसे करें इसका उपयोग

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: आज के डिजिटल युग में, महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों जैसे पहचान पत्र, शैक्षिक प्रमाणपत्र और वित्तीय रिकॉर्ड्स की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक हो गई है। भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा शुरू किया गया डिजिलॉकर एक प्रमुख डिजिटल उपकरण है। यह भारतीय नागरिकों को एक सुरक्षित क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है, जहां वे आधिकारिक दस्तावेज़ों को कभी भी और कहीं भी स्टोर, एक्सेस और साझा कर सकते हैं। अपने साथ दस्तावेज या उसक प्रति लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं है।

डिजिलॉकर क्या है?
डिजिलॉकर को ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत लॉन्च किया गया है। एक डिजिटल दस्तावेज़ वॉलेट है जिसमें उपयोगकर्ता सरकारी एजेंसियों और निजी संस्थानों द्वारा जारी किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों के इलेक्ट्रॉनिक संस्करण स्टोर कर सकते हैं। प्रत्येक उपयोगकर्ता को उनके आधार नंबर से जुड़ा एक क्लाउड स्टोरेज स्थान मिलता है। खास बात यह है कि डिजिलॉकर में स्टोर किए गए दस्तावेज़ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत मूल भौतिक दस्तावेज़ों के समान माने जाते हैं।

डिजिलॉकर की प्रमुख विशेषताएँ
नि:शुल्क क्लाउड स्टोरेज
प्रत्येक उपयोगकर्ता को 1GB तक का स्टोरेज स्थान मिलता है।
पेपरलेस गवर्नेंस
सरकारी विभाग डिजिलॉकर के माध्यम से दस्तावेज़ जारी और सत्यापित कर सकते हैं।
प्रामाणिकता और सुरक्षा
डिजिलॉकर में सीधे पंजीकृत जारीकर्ताओं द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ ‘डिजिटल दस्तावेज़’ के रूप में चिह्नित होते हैं, जो कानूनी रूप से मान्य होते हैं।
कहीं भी एक्सेस
नागरिक डिजिलॉकर का उपयोग वेब या मोबाइल ऐप के माध्यम से कर सकते हैं।
आधार के साथ एकीकरण
पहचान सत्यापन और सुरक्षित एक्सेस प्रदान करता है।

डिजिलॉकर में कौन से दस्तावेज़ स्टोर कर सकते हैं?
आप डिजिलॉकर में निम्नलिखित दस्तावेज़ स्टोर कर सकते हैं:
• आधार कार्ड
• पैन कार्ड
• ड्राइविंग लाइसेंस
• वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र
• शैक्षिक अंकतालिकाएँ और डिग्रियाँ
• आय प्रमाणपत्र
• बीमा पॉलिसियाँ
• वोटर आईडी
• पासपोर्ट (समर्थित प्रारूपों में)
• यूटिलिटी बिल्स और अन्य व्यक्तिगत दस्तावेज़
डिजिलॉकर स्कैन की गई या PDF संस्करणों को भी सपोर्ट करता है, जो डिजिटल रूप में जारी नहीं किए गए हैं।

डिजिलॉकर का उपयोग कैसे करें?
साइन अप करें
https://www.digilocker.gov.in पर जाएं या डिजिलॉकर ऐप डाउनलोड करें। अपने आधार नंबर का उपयोग करके साइन अप करें और OTP के माध्यम से प्रमाणीकरण करें।
अपना आधार लिंक करें
साइन इन करने के बाद, पहचान सत्यापन के लिए अपना आधार लिंक करें।
दस्तावेज़ प्राप्त करें
‘इश्यूड डॉक्यूमेंट्स’ सेक्शन में जाएं और सरकारी विभागों से सीधे दस्तावेज़ प्राप्त करें।

अपने दस्तावेज़ अपलोड करें
‘अपलोडेड डॉक्यूमेंट्स’ टैब के तहत, किसी भी दस्तावेज़ की स्कैन की गई प्रतियाँ अपलोड करें।
सुरक्षित रूप से साझा करें
डिजिलॉकर आपको ईमेल के माध्यम से या एक सुरक्षित लिंक जेनरेट करके दस्तावेज़ साझा करने की अनुमति देता है, जिसे प्राप्तकर्ता तुरंत सत्यापित कर सकते हैं।

वित्तीय सेवाओं में डिजिलॉकर का बढ़ता उपयोग
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशक सुरक्षा और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए डिजिलॉकर के साथ साझेदारी की है। यह पहल निवेशकों को उनके डिमैट होल्डिंग्स, म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट्स और समेकित खाता विवरण (CAS) को डिजिलॉकर के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्टोर और एक्सेस करने की अनुमति देती है। यह पहल 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।

डिजिलॉकर के लाभ
• सुविधा: सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ डिजिटल रूप में साथ रखें।
• कानूनी वैधता: अधिकांश सरकारी और निजी संस्थाएँ इसे स्वीकार करती हैं।
• आपदा-प्रूफ: भौतिक क्षति या हानि की स्थिति में दस्तावेज़ सुरक्षित रहते हैं।
• पर्यावरण-मित्र: प्रिंटिंग और फोटोकॉपी की आवश्यकता को कम करता है।

डिजिलॉकर सिर्फ एक डिजिटल लॉकर नहीं है, यह भारत के कागज़-रहित और पारदर्शी डिजिटल अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे आप छात्र हों, पेशेवर हों, निवेशक हों या सेवानिवृत्त व्यक्ति हों, डिजिलॉकर में अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ रखने से आपको सुविधा, सुरक्षा और मानसिक शांति मिलती है।

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