VIVEK SHARMA
रांची: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। अब यहां आने वाले हर मरीज का रिकॉर्ड ऑनलाइन रखा जा रहा है। ‘ई हॉस्पिटल’ से जुड़ने के बाद अस्पताल में ट्रीटमेंट की प्रक्रिया पूरी तरह तकनीकी रूप से हाईटेक हो गई है, जिससे मरीजों और डॉक्टरों दोनों को काफी सुविधा मिल रही है। हर मरीज के इलाज की हिस्ट्री अब क्लिक पर उपलब्ध है।
आभा से रजिस्ट्रेशन के ये है फायदे
अब तक इलाज के लिए आने वाले मरीजों का पंजीकरण ‘आभा’ (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) के जरिए किया जा रहा है। इस डिजिटल हेल्थ आईडी के माध्यम से मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री को रखा जा रहा है। इससे डॉक्टरों को इलाज में काफी मदद मिल रही है, क्योंकि वे मरीज की पूरी इलाज की जानकारी किसी भी समय ऑनलाइन देख सकते हैं।
पेपर लेस रिपोर्ट से मरीजों को बड़ी राहत
इंडोर मरीजों के लिए खासतौर पर यह व्यवस्था बहुत उपयोगी साबित हो रही है। अब डॉक्टरों को मरीज की फाइल ढूंढने या फिर पुराने टेस्ट रिपोर्ट के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। मरीज की सारी जानकारी अस्पताल के कंप्यूटर सिस्टम में उपलब्ध होती है। या फिर मोबाइल पर भी उनकी आईडी डालकर ट्रीटमेंट हिस्ट्री देख रहे हैं। यहां तक कि खून की जांच, एक्स-रे रिपोर्ट भी ऑनलाइन दी जा रही है। जल्द ही सीटी स्कैन और एमआरआई की रिपोर्ट भी अब ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि इलाज में पारदर्शिता और सटीकता भी बढ़ी है।
डॉक्यूमेंट लेकर चलने की झंझट खत्म
सबसे बड़ी बात यह है कि मरीज अब देश के किसी भी कोने में जाकर अपना इलाज करवा सकते हैं, क्योंकि उनका इलाज रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध है। इससे डॉक्टरों को मरीज की बीमारी का इतिहास जानने में आसानी होती है और इलाज भी उसी अनुसार तय किया जाएगा।
लगातार बढ़ रही बेड की संख्या
डिजिटलीकरण के साथ-साथ अस्पताल की भौतिक सुविधाओं में भी तेजी से विस्तार हो रहा है। कभी 200 बेड के साथ शुरू हुआ सदर अस्पताल अब 665 बेड की सुविधा के साथ प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी जिला अस्पतालों में से एक बन चुका है। मरीजों की बढ़ती संख्या और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल का लगातार विस्तार किया जा रहा है।मरीजों की संख्या, इलाज, दवाइयों की उपलब्धता, जांच रिपोर्ट और डॉक्टरों की ड्यूटी सभी कुछ अब एक क्लिक पर उपलब्ध है।
सुपरस्पेशलिटी विभाग में हो रहा इलाज
कार्डियोलॉजी
गैस्ट्रोलॉजी
पीडियाट्रिक गैस्ट्रोलॉजी
यूरोलॉजी नेफ्रोलॉजी
क्रिटिकल केयर यूनिट
इंटेंसिव केयर यूनिट
डेंटल लैब
मैटरनिटी एंड चाइल्ड वार्ड