नई दिल्ली : कई बार KYC (know your customer) अपडेट न होने के कारण अकाउंट का संचालन बंद हो जाता है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों से कहा है कि वे ग्राहकों से बार-बार KYC दस्तावेजों के लिए संपर्क करने से बचें। RBI गवर्नर ने स्पष्ट किया कि जब ग्राहक किसी वित्तीय नियामक द्वारा निगरानी किए गए किसी संस्थान को दस्तावेज़ प्रदान करते हैं, तो अन्य लोग भी उसे एक सामान्य डेटाबेस से एक्सेस कर सकते हैं और उन्होंने इन पुनः अनुरोधों को ‘avoidable inconvenience’ करार दिया।
‘ग्रीवेंस रेड्रेसल को बदलना : एआई का लाभ’
यह टिप्पणी संजय मल्होत्रा RBI ओम्बड्समैन के वार्षिक सम्मेलन में कर रहे थे। सम्मेलन का विषय था ‘ग्रीवेंस रेड्रेसल को बदलना : एआई का लाभ’। RBI गवर्नर ने जोर दिया कि बैंकिंग क्षेत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जब एक ग्राहक ने किसी वित्तीय संस्थान को दस्तावेज़ प्रस्तुत कर दिए हों, तो उन्हें फिर से वही दस्तावेज़ प्राप्त करने की आवश्यकता न हो। उन्होंने कहा कि अधिकांश बैंक और एनबीएफसी अपने शाखाओं या कार्यालयों को केंद्रीय डेटाबेस से जानकारी एक्सेस करने में सक्षम नहीं हैं, जिसके कारण ग्राहकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
Social Media पर ग्राहक कर रहे बार-बार शिकायत
RBI द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संजय मल्होत्रा ने ग्राहक अनुभव को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि किसी भी प्रकार की शिकायत न उठे। उन्होंने नियामित संस्थाओं से आग्रह किया कि वे अपनी आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करें, ताकि शिकायतों का समाधान उनके स्तर पर हो सके और ऐसी शिकायतें RBI ओम्बड्समैन तक न पहुंचने पाए।
यह टिप्पणी उस समय आई है, जब बैंकिंग ग्राहक विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर KYC पुनः प्रस्तुत करने की अनुरोधों से जुड़ी असुविधाओं के बारे में लगातार शिकायत कर रहे हैं।
2024 में आई 1 करोड़ ग्राहकों की शिकायतें
इसके अतिरिक्त, संजय मल्होत्रा ने बैंकों को चेतावनी दी है कि ग्राहकों की शिकायतों को गलत तरीके सेवर्गीकृत करना, ताकि उनकी संख्या को दबाया जा सके, यह गंभीर नियामक उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024 में बैंकों को 1 करोड़ ग्राहकों की ओर से शिकायतें प्राप्त हुईं और यदि अन्य नियामित संस्थाओं के खिलाफ शिकायतें भी शामिल की जाएं, तो यह संख्या और बढ़ जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इन शिकायतों में से 57 प्रतिशत को RBI ओम्बड्समैन द्वारा मध्यस्थता या हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ी। आप सभी सहमत होंगे कि यह एक अत्यधिक असंतोषजनक स्थिति है और हमें इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। RBI गवर्नर ने यह भी सलाह दी कि बैंकों के नेतृत्व, चाहे वह प्रबंध निदेशक हों या शाखा प्रबंधक, को हर सप्ताह शिकायत निवारण के लिए समय निकालना चाहिए। यह सभी बैंकों के लिए अनिवार्य है। दुनिया भर में CEOs अपने शेड्यूल में इस समय को शामिल करते हैं।