Home » Indain Railway : क्या आप जानते हैं? ट्रेन के कंबल और चादरें कब और कैसे धोई जाती हैं

Indain Railway : क्या आप जानते हैं? ट्रेन के कंबल और चादरें कब और कैसे धोई जाती हैं

ट्रेन में सफर और एसी कोच की सुविधाएं

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर : भारत में ट्रेन यात्रा हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। चाहे लंबी दूरी का सफर हो या छोटी यात्रा, ट्रेन में सफर करना ज्यादातर लोगों की पहली पसंद होती है। खासतौर पर एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती हैं, जैसे फ्री चादर और कंबल। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये कंबल और चादरें आखिर कब और कैसे धोई जाती हैं? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है, और हाल ही में इस पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक बड़ा खुलासा किया।

रेल मंत्री का बड़ा खुलासा

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एसी कोच में दिए जाने वाले कंबल हर 15 दिनों में एक बार धोए जाते हैं। हालांकि, चादरों और तकिए के कवर को हर सफर के बाद साफ किया जाता है। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इन प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

15 दिन में एक बार क्यों?

आप सोच रहे होंगे कि हर रोज इस्तेमाल होने वाले कंबल को केवल 15 दिन में एक बार क्यों धोया जाता है। इसका मुख्य कारण है इनकी भारी संख्या। पूरे देश में रोजाना हजारों एसी कोचों में इनका इस्तेमाल होता है, और इसे रोजाना धोना फिलहाल संभव नहीं है। हालांकि, रेलवे ने यह सुनिश्चित किया है कि हर सफर के बाद कंबल को अच्छी तरह से जांचा जाता है और जरूरत पड़ने पर साफ किया जाता है।

स्वच्छता और सुरक्षा पर रेलवे का जोर

रेलवे ने हाल के वर्षों में यात्रियों की स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर कई नए कदम उठाए हैं। इसमें कंबल और चादरों की साफ-सफाई के लिए आधुनिक लॉन्ड्री सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बाद, रेलवे ने सफाई और सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को और अधिक कड़ा कर दिया है। रेल मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि आने वाले समय में रेलवे कंबल धोने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाएगी ताकि यात्रियों को साफ और सुरक्षित अनुभव मिल सके।

क्या हो सकता है समाधान?

  • डिस्पोजेबल चादर और कंबल : यात्रियों को एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले डिस्पोजेबल कंबल और चादर देने पर विचार किया जा सकता है।
  • सफाई की निगरानी : हर सफर के बाद कंबल की स्थिति की नियमित जांच होनी चाहिए।
  • यात्रियों की जागरूकता : यात्रियों को स्वच्छता बनाए रखने और दिए गए सामान को सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

सफर के दौरान जागरूकता जरूरी

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन स्वच्छता को लेकर हर व्यक्ति की जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। जब भी ट्रेन में सफर करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि रेलवे हर संभव प्रयास कर रही है और आप भी सफर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

Read Also- Varanasi Cantt Railway Station : वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर भीषण आग : 200 मोटरसाइकिलें जलकर खाक

Related Articles