अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद में डॉक्टरों द्वारा दवा के परीक्षण के नाम पर किया गया, एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अहमदाबाद की महानगरपालिका द्वारा संचालित वीएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने विभिन्न फार्मा कंपनियों से करोड़ों रुपये लेकर, लगभग 500 मरीजों पर उनकी दवाओं का अवैध तरीके से परीक्षण किया। इसके लिए डाॅक्टर, गरीब मरीजों को पैसों का लालच देते थे। इस मामले में 8 डॉक्टरों की संलिप्तता पाई गई। इन डॉक्टरों को महानगरपालिका द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है।
पिछले 5 सालों से चल रहा था फर्जीवाड़ा
गुजरात के अहमदाबाद स्थित महानगरपालिका द्वारा संचालित वीएस हॉस्पिटल में, डॉक्टरों द्वारा ही करोड़ों रुपयों का फर्जीवाड़ा किया गया। डाॅक्टरों ने अलग-अलग फार्मा कंपनियों से उनके दवाओं के परीक्षण के लिए करोड़ों रुपये लिए। अवैध तरीके से ये डाॅक्टर, 500 मरीजों पर इन दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे थे। दवाओं के ट्रायल के लिए डॉक्टर, गरीब मरीजों को पैसों का प्रलोभन देकर बहलाते थे और उन्हें ट्रायल के लिए राजी करते थे। डॉक्टरों द्वारा अस्पताल में मरीजों पर किया जा रहा, यह अवैध क्लिनिकल ट्रायल पिछले 5 सालों से चल रहा था।
डॉक्टरों ने बना ली थी फर्जी कमेटी
वीएस अस्पताल के इस मामले में डॉक्टरों ने 58 फार्मा कंपनियों की 38 प्रकार की दवाओं का ट्रायल लगभग 500 मरीजों पर किया। डॉक्टरों द्वारा किए गए, करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। इसमें शामिल 8 डॉक्टरों ने एक फर्जी एथिकल कमेटी भी गठित कर ली थी। इसमें उन्होंने दवाओं के परीक्षण की मंजूरी भी इस फर्जी कमेटी के माध्यम से स्वीकृत कर दी। इसकी शिकायत मिलने पर महानगरपालिका आयुक्त ने एक जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति के प्राथमिक रिपोर्ट सौंपने के बाद, इसमें शामिल फार्मोकोलॉजिस्ट डॉक्टर देवांग राणा को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही अन्य 8 चिकित्सकों पर कार्रवाई करते हुए, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इस मामले को गंभीर बताया। इसके साथ ही जांच के आदेश दिए।