मुंबई : महाराष्ट्र ATS ने पाकिस्तान को जानकारी साझा करने के मामले में गिरफ्तार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर केस की चार्जशीट दायर कर दी है। 1800 पन्नों की चार्जशीट में 203 गवाहों का बयान दर्ज किया गया है। चार्जशीट में ATS ने दावा किया है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी खुफिया संगठन (PIO) के लिए काम करने वाली जारा दासगुप्ता से संवेदनशील और क्लासीफाइड जानकारी को साझा किया था।
ATS ने अपने दावे को साबित करने के लिए दोनों के बीच हुए सोशल मीडिया चैट्स को भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया है। जिसमें कुरुलकर जारा से सर्फेस टू एयर मिसाइल (SAM) के संदर्भ में बातचीत कर रहा है। मालूम हो कि कुरुलकर DRDO के प्रमुख वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थे। उनपर रिसर्च और विकास स्थापना (R&DE) इंजीनियर्स (E) के निदेशक की भी जिम्मेदारी थी।
कुरुलकर के फोन को पाकिस्तान से किया जाता था एक्सेस :
महाराष्ट्र ATS के चार्जशीट की मानें तो कुरुलकर ने ऐसे सॉफ़्टवेयर अपने फोन में डाउनलोड किया था जिसमें मैलवेयर था और पाकिस्तानी खुफ़िया संगठन (PIO) इस सॉफ्टवेयर की सहायता से उसके फोन का उपयोग करके कई संवेदनशील जानकारी प्राप्त करते था। इसके जरिए कई तरह की डिफेंस से जुड़ी तकनीकी जानकारी लीक की गई है।
जानिए क्या है प्रदीप कुरुलकर और पाकिस्तानी जासूस जारा दास गुप्ता की चैट में :
जारा – बेब मैंने अभी देखा कि क्या आप इस पर काम कर रहे हैं?
कुरुलकर – हां, मैं एसएएम (SAM) पर भी काम करता हूं
जारा – यह कब तक पूरा होगा बेब?
कुरुलकर – अगले कुछ हफ़्तों में
जारा – आप इसे आर्मी को देंगे या एयरफोर्स को?
कुरुलकर – आर्मी और वायु सेना दोनों को
जारा – तो टेस्टिंग और ट्रायल्स पूरे हो गए?
कुरुलकर ने जारा से ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में भी बात की है :
जारा – ब्रह्मोस भी आपका आविष्कार था बेब?
जारा – यह बहुत खतरनाक है
कुरुलकर – मेरे पास प्रारंभिक डिजाइन रिपोर्टें हैं (कुछ और भी चीजें कुरुलकर ने कहीं लेकिन यह जानकारी संवेदनशील है)
जारा – बेबी…
जारा – यह एक एयर लॉन्च वर्जन है ना
जारा – जिसपर हमने पहले चर्चा की थी?
कुरुलकर – हां (आगे संवेदनशील जानकारी साझा की)
इन मिसाइलों और हथियारों की दी जानकारी जिसका उपयोग सोना करती है :
एटीएस की चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी ने सेना द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले मिसाइलों व हथियारों की भी जानकारी दी। इसमें ब्रह्मोस और अग्नि 6 मिसाइल लॉन्चर, सर्फ़ेस टू एयर मिसाइल, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, रुस्तम डीआरडीओ (an unmanned aerial vehicle), मेंटर मिसाइल, रफेल (रफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की ओर संदर्भ कर रहा है), एके सिस्टम (एके-सीरीज हथियारों की ओर संदर्भ कर रहा है), आस्ट्रा मिसाइल (एयर टू एयर मिसाइल) और डिफ़ेंस ड्रोन्स की जानकारियों शामिल हैं।
महिलाएं थीं गुरूलकर की कमजोरी :
ATS की मानें तो उसने जांच के दौरान दो ऐसी महिलाओं का भी बयान दर्ज किया जिसके साथ कुरुलकर के संबंध थे। ATS सूत्रों ने बताया कि महिलाओं का बयान इसलिए दर्ज किया गया ताकि यह साबित किया जा सके की कुरुलकर का महिलाओं के प्रति खिंचाव था और इसी वजह से उन्हें हनी ट्रैप में फंसा लिया गया जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तानी जासूस महिला से कई संवेदनशील जानकारी साझा की।
फोन में रखी थी संवेदनशील जानकारी :
ATS को कुरुलकर के निजी फोन से रक्षा परियोजनाओं से संबंधित बहुत ही संवेदनशील जानकारी प्राप्त की है। इसमें उनके परीक्षण, डिजाइन से संबंधित जानकारी है। ये सारी चीज़ें ATS को कुरुलकर के निजी फोन से मिली।” अधिकारी ने आगे बताया कि वो अभी यह नहीं कह सकते कि यह सारी जानकारी कुरुलकर ने पाकिस्तानी महिला को दी होगी।
पाकिस्तानी जासूस के साथ साझी की ये जानकारी
चार्जशीट के मुताबिक एटीएस को जो जानकारी कुरुलकर के मोबाइल से मिली, जिसने कंपोज़िशन ऑफ मटेरियल यूज्ड इन डिफेंस प्रोजेक्ट, एक पावर पॉइंट प्रजेंटेशन, जिसे गुजरात के एक डिफ़ेंस के इंवेंट में दिखाया गया था, आकाश लॉन्चर की जानकारी, नेशनल एरोस्पेस लेबोरेटरीज के पास क्या कुछ है, VTOL एनोनामस एरियल वेहिकल सिस्टम का समावेश है।
चार्जशीट के अनुसार, पाकिस्तानी जासूस जारा दास गुप्ता कुरुलकर से जुड़े परियोजनाओं से संबंधित लिंक भेजा करती थी, और उसके बाद कुरुलकर उसके साथ उन परियोजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करते थे।
ड्यूटी चार्ट्स भी साझा किया गया :
चार्जशीट के अनुसार, कुरुलकर ने पाकिस्तानी जासूस से डीआरडीओ के ड्यूटी चार्ट्स भी साझा किए थे। यह भी दावा किया गया है कि उसने भारतीय सरकार को रक्षा संबंधित उपकरण प्रदान करने वाली एक निजी कंपनी के CEO के बारे में भी जानकारी पाकिस्तानी जासूस से साझा की थी। यह कंपनी डिफेंस रोबोट बनाने में एक्सपर्ट है। साथ ही, कुरुलकर ने कई ऐसे लोगों के बारे में भी जानकारी साझा किया हैं जो डीआरडीओ से जुड़े हैं।