Home » बांग्लादेश से कूरियर के जरिए विशाखापत्तनम और ओडिशा के रास्ते हो रही थी ड्रग तस्करी, दिल्ली पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार…

बांग्लादेश से कूरियर के जरिए विशाखापत्तनम और ओडिशा के रास्ते हो रही थी ड्रग तस्करी, दिल्ली पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार…

अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़, 70 किलो गांजा और कार जब्त...

by Neha Verma
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की उत्तरी जिला एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) टीम ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह बांग्लादेश से कूरियर के जरिए विशाखापत्तनम और ओडिशा होते हुए दिल्ली तक नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहा था।

4 अप्रैल 2025 को पुलिस ने सिविल लाइंस इलाके में छापेमारी कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद रफीक (34 वर्ष) और अमन वर्मा (27 वर्ष) के रूप में हुई है। इन दोनों के कब्जे से भारी मात्रा में गांजा और एक वाहन बरामद किया गया।

पूछताछ में सामने आया बड़ा नेटवर्क

पूछताछ के दौरान अमन वर्मा ने खुलासा किया कि वह बांग्लादेश से कूरियर के माध्यम से गांजा मंगवाता था। ये खेप विशाखापत्तनम और ओडिशा के रास्ते दिल्ली पहुंचाई जाती थी। अमन ने बताया कि वह पिछले छह महीने से इस अवैध धंधे में शामिल है। आर्थिक तंगी और लग्जरी जीवन की चाह में वह इस रास्ते पर चल पड़ा।

अमन ने यह भी स्वीकार किया कि मोहम्मद रफीक ने ही उसे तस्करी के इस नेटवर्क में शामिल किया था। रफीक के प्रभाव में आकर अमन ने धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपनाया, जिससे उसे बांग्लादेशी तस्करों के संपर्क में आने और कार्टेल का हिस्सा बनने में आसानी हुई।

70 किलो गांजा और कार बरामद

पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में आरोपियों के पास से कुल 69.730 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है।

  • सिविल लाइंस के वासुदेव घाट से 10.13 किलो गांजा
  • गाजियाबाद के दासना स्थित अमन वर्मा के फ्लैट से 59.6 किलो गांजा
    इसके अलावा, एक फॉक्सवैगन पोलो कार भी जब्त की गई है जिसका इस्तेमाल तस्करी में किया जा रहा था।

NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज, नेटवर्क की तलाश जारी

उत्तरी जिले के डीसीपी राजा बंठिया ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। साथ ही, ड्रग तस्करी के इस नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने के लिए टीम विभिन्न राज्यों में छापेमारी की योजना बना रही है।

मामले में NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस) एक्ट, 1985 के तहत केस दर्ज किया गया है।

यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि ड्रग माफिया अब तकनीकी साधनों और कूरियर सेवाओं का इस्तेमाल कर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस की सतर्कता और सक्रियता से ऐसे नेटवर्क पर शिकंजा कसना लगातार जारी है।

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