हेल्थ डेस्क, रांची : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में सांपों का आतंक बढ़ गया है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम के इमरजेंसी विभाग में
सर्पदंश के शिकार मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुई है। बीते 17 दिन में 30 मरीज पहुंचे हैं। वहीं, मंगलवार को एमजीएम में एक मरीज की मौत हो गई। वहीं, उसकी पत्नी की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
आदित्यपुर स्थित पार्वतीपुर गांव निवासी विरंचि महतो (53) सोमवार की रात में खाना खाने के बाद एक खटिया पर सो गए। वहीं, बगल में दूसरी खटिया पर उनकी पत्नी अंजना महतो (45) सोई हुई थी। इसी बीच रात लगभग 12 बजे एक सांप ने विरंचि महतो को काट लिया। इस दौरान उन्हें पता नहीं चला। वह गहरी नींद में थे। इसके बाद सांप ने उनकी पत्नी अंजना महतो के खटिया पर जा पहुंचा और उन्हें भी काट लिया।
इस दौरान अंजना की नींद टूट गई और वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। उनकी आवाज सुनकर सबकी नींद खुल गई। इस दौरान देखा गया कि एक सांप अंजना के खटिया पर बैठा हुआ है। इससे पूर्व सांप ने दोनों पति-पत्नी को काट लिया था। इसके बाद परिजनों ने उस सांप को पकड़कर मार डाला। वहीं, पति-पत्नी को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लाया गया। जहां पर इलाज के दौरान पति की मौत हो गई।
वहीं, पत्नी की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दोनों पति-पत्नी सब्जी बेचने का का कार्य करते हैं। इस तरह से और भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डा. नकुल प्रसाद चौधरी ने कहा कि बरसात के दिनों में सांप काटने के साथ-साथ अन्य बीमारी भी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को सावधान व जागरूक होने की जरूरत है।
सांप काटने से देश में हर साल 11 हजार लोगों की हो जाती मौत
देश में सांप काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 83 हजार लोग सर्पदंश के शिकार होते हैं। इसमें लगभग 11 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इसका एक मुख्य कारण समय पर इलाज नहीं मिलना भी है। वहीं, कई लोग जागरूकता के अभाव में ओझा-गुणी के चक्कर में फंस जाते हैं।
भारत में सांप की 236 प्रजातियां
हर सांप जहरीले नहीं होते हैं। भारत में विभिन्न प्रजाति के कुल 236 सांप पाए जाते हैं। इसमें सिर्फ चार प्रजाति ही अधिक जहरीले होते हैं। बाकी सांपों में जहर की मात्रा कम होती है। अधिक जहरीले प्रजाति में कोबरा (नाग), रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत सांप शामिल हैं। इन सांपों के काटने से भारत में अधिक लोगों
की मौत होती है।
बरसात में बढ़ जाते हैं मरीज
बरसात के दिनों में सर्पदंश के मामले काफी बढ़ जाते हैं। एमजीएम अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो जून से अक्टूबर माह के बीच सर्पदंश के मामले काफी बढ़ जाते हैं। सांप पकड़ने वाले विशेषज्ञ एनके सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों में सांप काटने के मामले इसलिए बढ़ जाते हैं। चूंकि उनके घर में बारिश का पानी घुस जाता है जिसके कारण उन्हें अपना नया ठिकाना ढूंढ़ना पड़ता है। इस दौरान वे अपना ठिकाना ढूंढते-ढूंढते लोगों के घरों में पहुंच जाते हैं और लोग उसका शिकार होने लगते हैं।
सांप काटने पर क्या-क्या सावधानी बरतें
– सांप किसी को भी काट सकता है। ऐसे में इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए।
– सांप जहां काटे और पता चल जाए तो उस जगह को तत्काल पानी या साबुन से धोना चाहिए।
– सांप काटने के बाद अगर उस स्थान का रंग बदलने लगे तो तत्काल चिकित्सक से पास पहुंचना चाहिए। रंग बदलने से स्पष्ट हो जाता है कि आपको सांप काटा है।
– सांप काटने के बाद उसका जहर का प्रभाव 15 मिनट से 12 घंटे के बीच शुरू होता है।
– अगर किसी को सांप काट ले तो उस स्थान पर बर्फ कभी भी नहीं लगाएं।
– मरीज का तापमान, सांस की गति और नब्ज चेक करते रहें
सांप काटने के बाद दिखता है ये लक्षण
– जहां सांप काटता है उस स्थान पर दर्द और सूजन होता है।
– शरीर में ऐंठन, मतली व उल्टी होने लगती है।
– शरीर में अकड़न व कंपकंपी होती है।
– आंख का पलक गिरने लगता है।
– एलर्जी की परेशानी शुरू होने लगती है।
– पेट दर्द, सिर दर्द सहित पूरे शरीर में दर्द शुरू हो जाता है।