Dumka (Jharkhand) : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और उनके पिता व पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को दुमका की एक विशेष अदालत ने 10 साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया है। यह मामला मधुपुर में एक मकान खाली कराने और किराएदार के साथ मारपीट से जुड़ा था।
पीसीआर केस दर्ज कराया गया था
गुरुवार को न्यायाधीश मोहित चौधरी की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने सबूत के अभाव और पीड़ित पक्ष के साथ हुए समझौते के बाद यह फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजा खान ने बताया कि यह मामला 2015 का है, जब मधुपुर के मकबूल अंसारी ने इरफान अंसारी और उनके पिता पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पीसीआर केस दर्ज कराया था।
‘झूठे आरोपों’ से मिली मुक्ति
अधिवक्ता ने बताया कि मकबूल अंसारी जिस मकान में किराएदार था, वह मकान मालिक ने इरफान अंसारी की मां को बेच दिया था। विधायक ने जब नियमानुसार मकान खाली करने को कहा तो पीड़ित ने कथित तौर पर उन पर झूठे आरोप लगाकर केस कर दिया था। कुछ समय पहले पीड़ित पक्ष ने खुद अदालत में समझौते का अनुरोध किया था।
फैसले के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। उन्होंने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए थे, लेकिन अदालत ने उन्हें और उनके पिता को पूरी तरह से बरी कर दिया, जिससे सच्चाई की जीत हुई है।