दुमका: झारखंड के दुमका जिले में चार महीने पहले स्टोन माइंस में कार्यरत आदिवासी युवक गोपीनाथ मुर्मू की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रानीश्वर थाना क्षेत्र के पारपलसा गांव निवासी गोपीनाथ की हत्या के आरोप में मुन्ना रविदास और बाबुधन हेम्ब्रम को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया।
हत्या की वजह: माइंस में काम छिनने की रंजिश
गिरफ्तार आरोपी मुन्ना रविदास ने बताया कि गोपीनाथ मुर्मू ने खदान मुंशी से उनकी शिकायत कर दी थी, जिससे बाबुधन हेम्ब्रम और उसे स्टोन माइंस में काम नहीं मिल पाया। इसी रंजिश के चलते दोनों ने गोपीनाथ की हत्या की योजना बनाई। प्रतिमा विसर्जन के दिन के शोरगुल का फायदा उठाकर गोपीनाथ को सुनसान जगह बुलाया और लाठी-डंडों से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। फिर शव को पुआल से ढककर छिपा दिया गया।”– पुलिस
घटना की समयरेखा:
11 फरवरी: गोपीनाथ मुर्मू अचानक लापता
15 फरवरी: शव तिलाबनी गांव के एक खेत से बरामद
11 मार्च: परिजनों को गोपीनाथ के मोबाइल से फिरौती की कॉल– ₹5 लाख की मांग
फरवरी–जून: जांच जारी रही, एसडीपीओ इकुड डुंगडुंग के नेतृत्व में टीम गठित
12 जून: दोनों आरोपी गिरफ्तार, हत्या की बात कबूली
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त लाठी-डंडा भी बरामद कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) और 238 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हत्या की योजना पूरी तरह पूर्वनियोजित थी। टीम ने साइबर तकनीक, गुप्त सूचना और सटीक दबिश से अपराधियों को पकड़ा।– एसपी पीतांबर सिंह खेरवार
पीड़िता परिवार का बयान:
गोपीनाथ की पत्नी सोनामुनी मरांडी ने अपने पति की गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी थी। बाद में रिमांड के दौरान आरोपी ने कबूला कि हत्या काम की रंजिश को लेकर की गई थी। परिजन अब जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं।