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EARTHQUAKE IN MAHARASHTRA : महाराष्ट्र के सोलापुर में भूकंप के झटके, 5 किलोमीटर गहराई पर था केंद्र

by Rakesh Pandey
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सोलापुर: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में आज, गुरुवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। यह घटना सुबह करीब 11:22 बजे घटी, जब रिक्टर पैमाने पर 2.6 की तीव्रता वाला भूकंप आया। भूकंप का केंद्र सोलापुर से 5 किलोमीटर की गहराई पर था। हालांकि, भूकंप के इस झटके में किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान होने की सूचना नहीं मिली है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप के झटके सोलापुर के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए, लेकिन राहत की बात यह है कि इससे किसी प्रकार का बड़ा नुकसान नहीं हुआ। फिलहाल, अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह भूकंप उथला था, और उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। उथले भूकंपों से पृथ्वी की सतह के पास ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे जमीन ज्यादा हिलती है और संरचनाओं को अधिक नुकसान हो सकता है।

भूकंप के बाद एनसीएस ने यह भी बताया कि इसकी तीव्रता और गहराई की जानकारी के बाद इलाके में सतर्कता बनाए रखी जा रही है। सोलापुर में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि अगर किसी प्रकार की आपात स्थिति उत्पन्न हो तो त्वरित सहायता दी जा सके।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब इससे पहले, 1 अप्रैल को लद्दाख के लेह क्षेत्र में भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई थी। इसके अलावा, 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिससे भारी विनाश हुआ और अब तक 3,000 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

भूकंपों की इन घटनाओं ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लोगों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इस तरह के झटके लगातार महसूस हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, म्यांमार में हुए भूकंप ने इस बात को भी उजागर किया कि प्राकृतिक आपदाएं न केवल भौतिक नुकसान करती हैं, बल्कि मानवीय संकट भी उत्पन्न करती हैं। इस भूकंप के बाद, म्यांमार में सेना ने संघर्ष विराम की घोषणा की है ताकि राहत कार्यों को आसान बनाया जा सके, और यह संघर्ष विराम 22 अप्रैल तक जारी रहेगा।

सोलापुर में हुए भूकंप के बाद, स्थानीय प्रशासन और नागरिक सुरक्षा दलों द्वारा स्थिति की निगरानी जारी है। साथ ही, यह घटनाएं एक बार फिर यह स्पष्ट करती हैं कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लोगों को हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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