पटना/ नेपाल/ पाकिस्तान : नेपाल में शुक्रवार को तड़के 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके बिहार और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के कई हिस्सों में महसूस किए गए। खासकर पटना और आसपास के इलाकों में लोग बुरी तरह घबराए और अपनी-अपनी सुरक्षा के लिए घरों से बाहर निकल आए। इस भूकंप का केंद्र नेपाल के सिंधुपालचौक जिले के भैरब कुंडा क्षेत्र में था, जो सुबह लगभग 2.36 बजे आया।
भूकंप की तीव्रता को लेकर कुछ मतभेद रहे। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने भूकंप की तीव्रता 5.6 बताई, जबकि भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने इसे 5.5 आंका। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि एक ही झटका था या फिर एक के बाद एक कई भूकंप आए थे।
इस भूकंप के झटके न सिर्फबिहार, बल्कि असम में भी महसूस किए गए थे, जहां मोरीगांव जिले में सुबह 2.25 बजे भूकंप आया। मोरीगांव का भूकंप 5.0 तीव्रता का था और इसकी गहराई 16 किलोमीटर थी।
किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं
नेपाल और बिहार में आए भूकंप से अभी तक किसी प्रकार के नुकसान या हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है। नेपाल के वरिष्ठ अधिकारी गणेश नेपाली ने कहा कि भूकंप से उनका भी संतुलन बिगड़ गया था, लेकिन राहत की बात यह है कि अब तक कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।
बिहार के लोग सोशल मीडिया पर अपने अनुभव भी साझा कर रहे हैं। पटना के लोगों ने वीडियो पोस्ट किए, जिसमें दिख रहा था कि इमारतें और छत के पंखे हिल रहे थे। एक व्यक्ति ने ट्वीट किया कि पटना में भूकंप के दौरान 35 सेकंड तक तेज झटके महसूस हुए। सब कुछ हिल रहा था, लेकिन अब तक कोई नुकसान नहीं हुआ है।
IMD का येलो अलर्ट
भारत मौसम विभाग (IMD) ने बिहार के 15 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। इस अलर्ट का मतलब है कि आने वाले समय में और भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं, जिससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके
पाकिस्तान में भी आज (28 फरवरी) सुबह 05.14 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई थी और इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। हालांकि, इस भूकंप के कारण किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं आई है।
लद्दाख और म्यांमार में भी भूकंप
इसी महीने 26 फरवरी को म्यांमार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। म्यांमार में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। इसके अलावा, लद्दाख में बुधवार शाम करीब 5.36 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसकी तीव्रता 3.5 थी।
भूकंप आने के कारण
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की सतह सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है। ये प्लेट्स लगातार हिलती रहती हैं और आपस में टकराती हैं। इस टक्कर से ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो जमीन से बाहर निकलकर भूकंप का कारण बनता है।
भूकंप के दौरान क्या करें
अगर आप ऊंची इमारत में हैं तो तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान पर जाएं।
अगर आप कमरे में हैं, तो किसी मजबूत दीवार के पास खड़े हों और टेबल या डेस्क के नीचे बैठें।
खिड़कियों और बाहरी दरवाजों से दूर रहें और भारी वस्तुओं से बचें।
बिल्डिंग से बाहर निकलते समय
टूटी-फूटी चीजों से बचते हुए बाहर निकलें।
टूटे कांच और बिजली के तारों से दूरी बनाए रखें।
विशेष सावधानियां
अगर आप सड़क पर हैं तो खुले स्थान पर आने की कोशिश करें और भवनों, पुलों या बिजली के खंभों से दूर रहें।
अगर आप गाड़ी में हैं तो अपनी गति धीमी करें और सुरक्षित स्थान पर गाड़ी रोक लें।
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