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ECI की वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना अब पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण: जानें नई शर्तें

Election Commission ने नागरिकता प्रमाण को लेकर बनाई नई गाइडलाइन, पासपोर्ट बना मुख्य दस्तावेज।

by Reeta Rai Sagar
Indian passport and voter ID form with ECI guidelines displayed
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सेंट्रल डेस्क: भारत में जन्म लेने की तारीख के आधार पर नागरिकता प्रमाण के नियम अलग-अलग हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) के तहत तीन श्रेणियों में नागरिकों को बांटा गया है:

  1. 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे
  2. 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे
  3. 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे

    इन तीनों वर्गों में एक बात समान है- सभी का भारत में जन्म होना जरूरी है, लेकिन प्रमाणित करने के लिए दस्तावेजों की जरूरत और शर्तें अलग-अलग हैं।

    2004 के बाद जन्म वालों के लिए कड़े नियम

    अगर कोई नागरिक 2 दिसंबर 2004 के बाद भारत में जन्मा है और अब वह 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, तो उसके लिए वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराना आसान नहीं है। ऐसे व्यक्ति को न सिर्फ अपनी जन्मतिथि या जन्म स्थान, बल्कि माता-पिता की भी जन्मतिथि या जन्मस्थान देना अनिवार्य है।
    इसके साथ ही, उस समय के वैध पासपोर्ट और वीज़ा की प्रति देनी होगी, जो उसके जन्म के समय मौजूद था।

    अन्य शर्तें यथावत हैं, जैसे कि किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र में आवेदन न किया हो।

1987 से पहले जन्म वालों को राहत

अगर कोई व्यक्ति 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा है, तो उसके लिए नागरिकता प्रमाण के तौर पर सिर्फ उसकी अपनी जन्मतिथि या जन्म स्थान पर्याप्त है। माता-पिता के दस्तावेज या जानकारी की जरूरत नहीं है। भारत में जारी कोई भी सरकारी दस्तावेज (LIC, पोस्ट ऑफिस, पहचान पत्र आदि) जो 1 जुलाई 1987 से पहले का हो, उसे वैध माना जाएगा।

1987 से 2004 के बीच जन्म वालों के लिए मध्यम नियम

इस वर्ग के लोगों को माता या पिता में से किसी एक की जन्मतिथि या जन्म स्थान बताना अनिवार्य है।
पासपोर्ट को भी एक वैध नागरिकता प्रमाण माना गया है, लेकिन सवाल यह है कि कितने भारतीयों के पास पासपोर्ट है?

राज्यसभा में 8 फरवरी 2024 को पूछे गए एक असित प्रश्न (संख्या 705) के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया था कि भारत में 9,26,24,661 वैध पासपोर्ट जारी किए गए हैं। इनमें केरल सबसे आगे है।

राशन कार्ड पर नहीं है भरोसा

गरीब भारतीयों के लिए राशन कार्ड जितना महत्वपूर्ण है, वह अमीरों के पासपोर्ट के बराबर है। फिर भी ECI ने इसे मान्य दस्तावेजों की सूची में शामिल नहीं किया है, क्योंकि राशन कार्ड में व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी होती है। कई बार मृत व्यक्ति के नाम पर भी वर्षों तक राशन लिया जाता है।

फैमिली रजिस्टर सर्टिफिकेट भी सीमित रूप में मान्य

ECI द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेजों में एक है फैमिली रजिस्टर, लेकिन यहां स्पष्ट कर दें कि यह राजस्व कर्मियों द्वारा जारी फैमिली रजिस्टर सर्टिफिकेट ही मान्य है। इसमें परिवार के सदस्यों के जन्म और मृत्यु की जानकारी होती है, जिससे इसकी वैधता सीमित हो जाती है।

पेंशनर्स को बड़ी राहत

जो नागरिक पेंशनधारी हैं, उन्हें अपनी नागरिकता प्रमाणित करने में ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। पेंशन भुगतान आदेश (Pension Payment Order) को मान्यता दी गई है।

2003 की वोटर लिस्ट अब भी मान्य

ECI ने स्पष्ट किया है कि 1 जनवरी 2003 को निर्धारित अहर्ता तिथि वाली 2003 की मतदाता सूची को अब भी नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा। यह नियम कई लोगों के लिए बड़ी राहत है। ECI द्वारा नागरिकता प्रमाण और वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के नियमों में पारदर्शिता और सख्ती लाई गई है। हालांकि इससे कई पात्र लोगों के लिए प्रक्रिया जटिल हो गई है, लेकिन इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकता का सटीक और सही रिकॉर्ड तैयार करना है।

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