दिल्ली : डेलॉयट इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह अनुमान डेलॉयट ने अपनी ताजा आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में 21 जनवरी को जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं से अलग हटकर अपनी घरेलू क्षमता का अधिकतम उपयोग करना होगा, ताकि सतत आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
इलेक्ट्रानिक्स व मशीनरी के क्षेत्र में बढ रही भारत की हिस्सेदारी
डेलॉयट ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अपने घरेलू संसाधनों और क्षमताओं का सही तरीके से इस्तेमाल करते हुए, वैश्विक स्तर पर बढ़ते हुए मूल्य श्रृंखलाओं में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की विनिर्माण निर्यातों में खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी के क्षेत्र में बढ़ती हिस्सेदारी इस बात का प्रमाण है कि देश वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में प्रगति कर रहा है।
वृद्धि दर पुराने अनुमान से कम हुई
डेलॉयट ने पहले अक्टूबर में अनुमान लगाया था कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7 से 7.2 प्रतिशत के बीच रह सकती है, लेकिन अब इसे संशोधित करते हुए 6.5 से 6.8 प्रतिशत पर रखा है। आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इसने भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 से 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
बाधित हुआ निर्माण व विनिर्माण क्षेत्र
डेलॉयट इंडिया की प्रमुख अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पहली तिमाही में चुनावी अनिश्चितताएं और दूसरी तिमाही में मौसम संबंधी व्यवधानों के कारण निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाई। इसके परिणामस्वरूप सकल स्थिर पूंजी निर्माण की गति अपेक्षाकृत धीमी रही। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सरकार का पूंजीगत व्यय पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम रहा और इसकी गति भी अपेक्षाकृत धीमी है।
वित्तीय जागरूकता बढाने को चलेगा अभियान
डेलॉयट ने यह भी संकेत दिया कि आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार खुदरा निवेशकों की बढ़ती भूमिका को मान्यता देते हुए उनके लिए निवेश प्रक्रियाओं को सरल बनाने, घरेलू बचत को बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए सुरक्षा तंत्र को बढ़ाने और वित्तीय जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने जैसे कदम उठा सकती है।
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