रामगढ़ : झारखंड के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, चमरा लिंडा ने रविवार को हजारीबाग जाने के दौरान रामगढ़ के मांडू में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाएगी। इसके लिए जल्द ही पहल की जाएगी। जहां एकलव्य और आश्रम विद्यालय बने हुए हैं वहां इसमें पढाई शुरू कराई जाएगी। जहां यह विद्यालय अब तक नहीं बन पाए हैं, वहां इनका निर्माण कराया जाएगा।
इस दौरान उनका स्वागत झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव फागू बेसरा ने किया।
बंद विद्यालयों में शुरू होगी पढाई
चमरा लिंडा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि झारखंड में एकलव्य विद्यालय और आश्रम विद्यालयों की शुरुआत फिर से की जाएगी। जिन स्थानों पर पहले इन विद्यालयों का निर्माण हो चुका था, वहां शिक्षा प्रक्रिया फिलहाल बंद है, लेकिन सरकार अब योजनाबद्ध तरीके से इन विद्यालयों में फिर से शिक्षा देने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए फैसले ले रही सरकार
मंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए हेमंत सोरेन की सरकार पहले भी कई महत्वपूर्ण फैसले ले चुकी है। उदाहरण स्वरूप, सरकार ने झारखंड के बच्चों को इंग्लैंड भेजने का निर्णय लिया था, जिसके तहत कई बच्चे स्कॉलरशिप पर वहां पढ़ाई कर रहे हैं। अब सरकार इस दिशा में और कदम बढ़ा रही है और देश में ही झारखंड के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की योजना बना रही है।
इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढाई के लिए आएगी नई योजना
उन्होंने कहा कि अब यूपीएससी, इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए भी सरकार नई योजना तैयार कर रही है। यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए दिल्ली में शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि रांची में नीट, आईआईटी और इंजीनियरिंग तथा मेडिकल की पढ़ाई भी उपलब्ध कराई जाएगी। इन सभी योजनाओं पर विभाग काम कर रहा है और जल्द ही इन्हें लागू किया जाएगा।
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